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यूपी-बिहार वाले बयान पर चौतरफा घिरे कमलनाथ, अखिलेश ने भी बताया गलत

कमलनाथ ने 17 दिसंबर को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली. शपथ ग्रहण के कुछ घंटे बीतने पर वह एक्शन में नजर आए और उन्होंने वादे के मुताबिक कर्जमाफी का आदेश जारी कर दिया.

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शपथ ग्रहण समारोह के दौरान कमलनाथ (फोटो-AP)
शपथ ग्रहण समारोह के दौरान कमलनाथ (फोटो-AP)

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मध्य प्रदेश के नए मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सोमवार को शपथ लेने के बाद किसानों के कर्ज माफी का ऐलान किया और साथ ही युवाओं को रोजगार देने के लिए नई नीति का भी आदेश दिया, लेकिन रोजगार पर उन्होंने स्थानीय और बाहरी को लेकर जो बयान दिया, उस पर अब विवाद हो गया है.

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कमलनाथ सरकार को समर्थन देने वाले अखिलेश यादव ने भी उनके बयान की निंदा की है. अखिलेश ने कहा है कि यूपी-बिहार के लोगों पर लिया गया कमलनाथ सरकार का फैसला और बयान गलत हैं.

दरअसल, कमलनाथ ने एमपी के युवाओं को रोजगार के अवसर देने की बात कहते हुए कहा था कि यहां बहुत ऐसे उद्योग लग जाते हैं, जिनमें बिहार और उत्तर प्रदेश जैसे प्रदेशों से आकर लोग काम करते हैं, जिससे राज्य के युवा रोजगार से वंचित रह जाते हैं.

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बीजेपी-AAP ने भी की निंदा

कांग्रेस के सहयोगी ही नहीं बल्कि सत्ताधारी बीजेपी और आम आदमी पार्टी ने भी कमलनाथ के इस बयान की आलोचना की है. बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा ने कमलनाथ के बयान को शर्मनाक बताते हुए कहा कि वह एक संवैधानिक पद पर बैठे हैं और इस तरह देश को बांटना नहीं चाहिए.

क्या था कमलनाथ का बयान

कमलनाथ ने कहा था कि जो उद्योग एमपी में लगाए जाएंगे, उनमें 70% स्थानीय लोगों को रोजगार दिया जाएगा. हालांकि, उन्होंने यूपी-बिहार के लोगों पर बयान देते हुए यह भी कहा कि मैं उनकी आलोचना नहीं कर रहा हूं लेकिन हमारे मध्य प्रदेश के नौजवान वंचित रह जाते हैं.

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