आबादी के लिहाज से देश के सबसे बड़े सूबे-उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने के बाद पहली बार जमीनी हकीकत जानने के लिए राज्य के औचक भ्रमण पर निकले अखिलेश यादव को शुरुआती दिन में ही कड़वी सच्चाई का सामना करना पड़ा. उन्होंने एक स्कूल में जाकर छात्र से उत्तर प्रदेश की राजधानी पूछी और छात्र ने राजधानी लखनऊ के बजाय दिल्ली बताई.
बीते साल समाजवादी पार्टी सरकार द्वारा शुरू की गई लोहिया ग्राम विकास योजना के तहत आने वाले गावों के विकास कार्यों की हकीकत जानने के लिए मुख्यमंत्री अखिलेश ने बुधवार को लखनऊ से सटे रायबरेली के बछरांवा विधानसभा में औचक भ्रमण किया. बछरांवा के रैन ग्राम पंचायत पहुंचे अखिलेश को सड़क निर्माण, बिजली आपूर्ति, सार्वजनिक वितरण प्रणाली सहित लगभग हर जगह पर खामियां नजर आईं.
वैसे इस तरह की खामियों का सामना करने के लिए शायद वह मानसिक रूप से तैयार भी रहे होंगे लेकिन सरकारी स्कूलों के बच्चों के सामान्य ज्ञान का स्तर इतना गिरा होगा ये उन्होंने नहीं सोचा होगा. रैन ग्राम पंचायत का दौरा करने के बाद अखिलेश अचानक स्थानीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय पहुंच गए और मिड-डे मिल का जायजा लिया और उसके बाद वह कक्षा सात के क्लासरूम में गए.
मौके पर मौजूद एक स्थानीय नेता ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर बताया कि अखिलेश ने एक छात्र से पूछा 'उत्तर प्रदेश की राजधानी कहां है?' उस छात्र ने जवाब दिया कि दिल्ली. यह सुनकर अखिलेश ने सिर झुका लिया. इसी दौरान मुख्यमंत्री के साथ मौजूद एक अधिकारी ने छात्रों से अखिलेश की तरफ इशारा करते हुए पूछा कि ये कौन हैं? इस पर छात्रों ने जवाब दिया राहुल गांधी. यह सुनकर अखिलेश मुस्कुराने लगे.
सरकारी स्कूल में शिक्षा के स्तर से नाराज अखिलेश ने औचक निरीक्षण के बाद लखनऊ लौटकर रायबरेली के बेसिक शिक्षा अधिकारी ज्ञानेन्द्र प्रताप सिंह भदौरिया को कार्यों के प्रति उदासीनता दिखाने एवं लापरवाही बरतने के कारण अन्यत्र स्थानान्तरित करने का निर्देश दिया.