यूपी में सपा सरकार बनने के 20 महीने बाद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव एक सख्त नेता की इमेज बनाने में जुट गए हैं. लोकसभा चुनाव से पहले स्मारक घोटाले के आरोपियों को सलाखों के पीछे भेजकर अखिलेश अपनी छवि एक ऐसे नेता की बनाना चाह रहे हैं जो करप्शन के मसले में किसी भी हद तक सख्त रवैया अपना सकते हैं.
उनके निर्देशों का ही असर है कि यूपी का सतर्कता विभाग स्मारक घोटाले से जुड़े दस्तावेजों के परीक्षण में जुट गया है. जल्द ही पूर्व मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी, बाबू सिंह कुशवाहा, पूर्व एमडी सीपी सिंह समेत 18 अफसरों के खिलाफ मुकदमा दर्ज होगा. सतर्कता विभाग के महानिदेशक एएल बनर्जी ने करीब दर्जन भर अफसरों की दो टीमें बनाई हैं. यह टीमें दस्तावेजों के सत्यापन में तेजी से कार्य कर रही हैं.
मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद स्मारक घोटाले के आरोपियों की भूमिका परखी जा रही है. मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ही सतर्कता विभाग को इस घोटाले के आरोपी पूर्व मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा और नसीमुद्दीन सिद्दीकी समेत 18 लोगों की जांच कर उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दिए हैं.
मुख्यमंत्री ने यह स्पष्ट कर दिया है कि करप्शन के मामले में आरोपी जो भी हो, उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार किया जाए.