उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि 125 गौरवशाली साल पूरे करने वाला उत्तर प्रदेश का विधानमंडल सामाजिक परिवर्तन का सूत्रधार रहा है. इसके शानदार इतिहास व गरिमा को कायम रखना हम सबकी जिम्मेदारी है.
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने विधानसभा के दोनों सदनों (विधानसभा व विधान परिषद) की विशेष बैठक को सम्बोधित करते हुए कहा कि राज्य विधानमंडल सामाजिक परिवर्तन का सूत्रधार रहा है. जमींदारी उन्मूलन, भूमि सुधार जैसे ऐतिहासिक महत्व वाले विधेयक विधानमंडल द्वारा पारित किए गए.
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश देश में राजनीतिक व सामाजिक बदलाव का केंद्र रहा है. उन्होंने कहा कि यहां विकास की अपार संभावनाएं हैं. इस दिशा में समाजवादी सरकार द्वारा किए जा रहे कार्यो से जनता का भरोसा बढ़ा है. किसानों की मेहनत के परिणामस्वरूप प्रदेश गेहूं, धान, दूध, गन्ना तथा चीनी उत्पादन के क्षेत्र में अग्रणी है.
विधानमंडल के 125 साल पूरे होने के मौके पर रविवार से उत्तरशती रजत जयंती समारोह शुरू हो गया. छह से आठ जनवरी तक चलने वाले उत्तरशती रजत जयंती समारोह के मौके पर राजधानी लखनऊ स्थित विधानभवन के विधानसभा मंडप में रोजाना सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे.
समारोह के पहले दिन के कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी ने कहा कि जनप्रतिनिधियों को कर्मयोगी बनकर देश व प्रदेश की सेवा करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश तरक्की करेगा तो देश भी विकसित होगा.
इस ऐतिहासिक अवसर पर अपने को सम्मानित किए जाने पर आभार व्यक्त करते हुए तिवारी ने कहा कि यह सिर्फ उनका आदर ही नहीं है, बल्कि उस पीढ़ी का आदर भी है, जो आजादी की लड़ाई में शामिल हुई थी.
1952 की पहली विधानसभा के सदस्य रह चुके पूर्व मुख्यमंत्री नारायणदत्त तिवारी सहित पहली विधानसभा के तीन जीवित सदस्यों-राजाराम किसान एवं कमाल अहमद रिजवी को सम्मानित किया गया.
विधानमंडल की विशेष बैठक की अध्यक्षता कर रहे राज्यपाल बी.एल़ जोशी ने कहा है कि राष्ट्र निर्माण में उत्तर प्रदेश विधानमंडल के योगदान को सदैव याद रखा जाएगा. उन्होंने विधानमंडल के शानदार अतीत का उल्लेख करते हुए उम्मीद जताई कि दोनों सदनों के सदस्य अपने उच्च आदर्शो से सदैव इसकी गरिमा बनाए रखेंगे और प्रदेश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देते रहेंगे.
समारोह के अंतर्गत मुख्य आयोजन आठ जनवरी को होगा, जिसमें देश-विदेश के कई विशिष्ट अतिथि शिरकत करेंगे. राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी इस मौके पर मुख्य अतिथि होंगे. समारोह के लिए पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था की गई है.
इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में जो विदेशी मेहमान शामिल हो रहे हैं, उनमें ब्रिटिश हाउस ऑफ लार्डस के सदस्य लार्ड खालिद, कनाडा संसद की सीनेटर आशा सेठ, त्रिनिदाद एवं टोबैगो के पूर्व प्रधानमंत्री वासुदेव पांडेय एवं नेपाल के राष्ट्रपति रामबरन यादव प्रमुख हैं.