विश्व हिंदु परिषद की चौरासी कोसी यात्रा को लेकर सियासत शुरू हो गई है. यूपी सरकार द्वारा इस परिक्रमा यात्रा को इजाजत नहीं दिए जाने के बाद जहां एक तरफ वीएचपी बगावत की तैयारी कर रही है जिसमें उसे बीजेपी का साथ मिल रहा है.
वहीं, बीएसपी यूपी सरकार और बीजेपी पर वोटबैंक की राजनीति करने का आरोप लगा रही है. कांग्रेस का दावा है कि यात्रा के बहाने बीजेपी समाज में सांप्रदायिकता का जहर घोल रही है. साथ ही सपा को सुझाव दिया है कि वो परिक्रमा यात्रा होने दे ताकि बीजेपी चुनावी फायदा ना उठा सके.
बीजेपी और वीएचपी वाले सांप्रदायिकता का जहर घोलकर राजनीति करने की कोशिश कर रहे हैं. हिंदु और मुस्लिमों को बांट रहे हैं. ऐसा कहना है कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह का.
कांग्रेस महासचिव ने कहा, 'वीएचपी, बीजेपी और आरएसएस सभी एक ही संगठन का हिस्सा हैं. चुनाव से पहले वे वोटों के ध्रुवीकरण करना चाहते हैं. उनकी राजनीति का तरीका ही यही है.'
दिग्विजय सिंह ने कहा, 'राजनाथ सिंह द्वारा अमित शाह को यूपी का प्रभारी बनाये जाने के साथ ही बीजेपी की मंशा साफ हो गई थी.'
सपा को सुझाव देते हुए दिग्विजय सिंह ने कहा, 'राज्य सरकार को परिक्रमा यात्रा होने देना चाहिए. इसकी लिए जरूरी इंतजामात किए जाने चाहिए.यात्रा ना होने की स्थिति में बीजेपी राजनीतिक फायदा उठाने की कोशिश करेगी.'
हालांकि सपा ने कानून-व्यवस्था का हवाला देते हुए एक बार फिर साफ किया है कि परिक्रमा यात्रा को इजाजत नहीं मिलेगी. सपा सांसद नरेश अग्रवाल ने कहा, 'वीएचपी की परिक्रमा यात्रा पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित है. हम किसी को भी यूपी की कानून-व्यवस्था से खिलवाड़ नहीं करने देंगे.'
वहीं बीजेपी इस फैसले को गलत बता रही है. पार्टी नेता विनय कटियार ने कहा, 'यात्रा को रोकना गलत फैसला है. इस तरह की यात्राएं हमेशा से होती रही हैं. इन्हें कभी नहीं रोका गया.'
उधर, साधु-संतों का भी मानना है कि यूपी सरकार ने उनके साथ धोखा किया है. पूर्व गृह राज्यमंत्री स्वामी चिन्मयानंद ने इसके पीछे आजम खान का हाथ बताया है.
वीएचपी ने एलान कर दिया है कि गोली चले या लाठी, लेकिन चौरासी कोसी यात्रा जरूर होगी. लेकिन समाजवादी सरकार ने चौरासी कोसी यात्रा से कानून व्यवस्था बिगड़ने का अंदेशा जताया है.
वीएचपी ने एलान किया है कि चौरासी कोसी की परिक्रमा यात्रा खत्म होने के बाद राम मंदिर निर्माण के लिये शिलादान कार्यक्रम की शुरुआत होगी. लेकिन एसपी सरकार का सख्त रुख वीएचपी का खेल बिगाड़ सकता है.