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भारतीय एयरपोर्ट भी ब्रेस्ट बम हमले को लेकर हुए चौकन्ने, मगर मशीनी इंतजाम हैं नाकाफी

अल कायदा के आतंकवादी नेटवर्क द्वारा ऐसे महिला फिदायीन तैयार करने की खबरों के बीच, जिनके ब्रेस्ट में बम फिट होगा, पूरी दुनिया के बड़े एयरपोर्ट हाई एलर्ट पर हैं. पिछले दिनों लंदन के हीथ्रो एयरपोर्ट पर इस तरह के ब्रेस्ट बम से हमले की आशंका के बाद सुरक्षा कड़ी की गई थी. अब खबर आई है कि भारतीय एयरपोर्ट भी ब्रेस्ट बम के हमले के शिकार हो सकते हैं.

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इन पैड्स के नीचे विस्फोटक की आशंका
इन पैड्स के नीचे विस्फोटक की आशंका

अल कायदा के आतंकवादी नेटवर्क द्वारा ऐसे महिला फिदायीन तैयार करने की खबरों के बीच, जिनके ब्रेस्ट में सर्जरी के द्वारा बम फिट होगा, पूरी दुनिया के बड़े एयरपोर्ट हाई एलर्ट पर हैं. पिछले दिनों लंदन के हीथ्रो एयरपोर्ट पर इस तरह के ब्रेस्ट बम से हमले की आशंका के बाद सुरक्षा कड़ी की गई थी. अब खबर आई है कि भारतीय एयरपोर्ट भी ब्रेस्ट बम के हमले के शिकार हो सकते हैं. खतरे की बात ये है कि भारत के एयरपोर्ट पर ऐसी मशीनें नहीं हैं, जो पूरी बॉडी को स्कैन कर ये पता लगा सकें कि शरीर के अंदर विस्फोटर या मेटल तो नहीं है.फिलहाल सुरक्षा एजेंसियां ऐहतियातन मैनुअल जांच के भरोसे हैं.

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ब्रेस्ट बम की आशंका के बाद भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने एयरपोर्ट एजेंसियों को सतर्क कर दिया है.एयरपोर्ट पर तैनात सुरक्षा कर्मियों को निर्देश दिए गए हैं कि महिला यात्रियों की दोहरी जांच की जाए. इस निर्देश की वजह है भारत में किसी भी एयरपोर्ट पर फुल बॉडी स्कैनर का न होना. ये स्कैनर ब्रेस्ट इंप्लांट सर्जरी या किसी और मेडिकल तरीके से शरीर के अंदर फिट किए बम को डिटेक्ट कर सकते हैं.

कर्मचारियों को निर्देश, गरिमा का रखें ध्यान

इस निर्देश के बाद अधिकारियों को यह भी लग रहा है कि कहीं यात्री इस तरह की सघन जांच से भड़क न जाएं.महिला कर्मचारियों को निर्देश दिया गया है कि अच्छे से जांच की जाए, मगर यात्री की गरिमा का भी ध्यान रखा जाए.

एक इंग्लिश न्यूजपेपर में छपी खबर के मुताबिक एयरपोर्ट सिक्युरिटी से जुड़े अफसरों ने बताया कि सुरक्षा जांच में लगी महिला कर्मचारियों को इस नए खतरे के बारे में विस्तार से समझाया गया है.ब्रेस्ट इंप्लांट में अगर कोई मेटल मटीरियल इस्तेमाल नहीं किया गया है, तो उसे डिटेक्ट करना मुश्किल होता है. ऐसे में मैनुअल जांच का ही सहारा रह जाता है.

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इसके अलावा सुरक्षा एजेंसियां विदेशी एजेंसियों से इस खतरे के हर मुमकिन ब्यौरे की जानकारी भी जुटा रही हैं. इस तरह के बम किस तरह काम करते हैं, उन्हें कैसे कैसे रोका जा सकता है, स्कैनर के अलावा डिटेक्ट करने के और क्या वैकल्पिक तरीके हो सकते हैं.इस सिलसिले में पिछले हफ्ते एयरपोर्ट के फंक्शन से जुड़े सभी विभागों की एक हाई लेवल मीटिंग भी हुई थी.

कैसे पता चला ब्रेस्ट बम के बारे में

पिछले हफ्ते एक अखबार द मिरर ने यह खबर दी थी कि अल कायदा के मुख्य बम निर्माता इब्राहिम अल असीरी ने एक ऐसा बम बनाने में कामयाबी हासिल कर ली है, जिसमें विस्फोटक सामग्री को सर्जरी के जरिए महिलाओं के ब्रेस्ट के अंदर छिपाया जा सकता है.इसके लिए ब्रेस्ट इंप्लांट में इस्तेमाल होने वाले मटीरियल की आड़ ली जाती है.इस तरह के बम को एयरपोर्ट स्कैनर नहीं पकड़ सकते. इस खतरे के बाद से ही पूरी दुनिया के एयरपोर्ट हाई अलर्ट पर हैं.

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