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गुरुग्राम: यूसी वेब के पूर्व कर्मचारी की याचिका पर जैक मा को समन, फेक न्यूज फैलाने का आरोप

यूसी वेब के गुरुग्राम के दफ्तर में एसोसिएट डायरेक्टर के पद पर 2017 तक रहे पुष्पेंद्र सिंह परमार ने आरोप लगाया है कि जैक मा की कंपनी यूसी वेब भारत में फेक न्यूज फैला रही थी और इसका विरोध करने पर उसको नौकरी से निकाल दिया गया.

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जैक मा को कोर्ट का समन (फाइल फोटो)
जैक मा को कोर्ट का समन (फाइल फोटो)

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  • 'यूसी वेब भारत में अस्थिरता पैदा करने के लिए फेक न्यूज दिखाती है'
  • 'वेबसाइट ने खबर दिखाई कि 2 हजार रुपए के नोट बंद हो जाएंगे'

हरियाणा के गुरुग्राम की जिला अदालत ने अलीबाबा के संस्थापक जैक मा को समन भेजते हुए 29 जुलाई को कोर्ट में पेश होने के आदेश दिए हैं. कोर्ट ने यह समन जैक मा के एक पूर्व कर्मचारी पुष्पेंद्र परमार की उस अर्जी पर किया है जिसमें कहा गया है कि जैक मा की कंपनी यूसी वेब भारत में अस्थिरता पैदा करने के लिए फेक न्यूज दिखाती आ रही थी.

यूसी वेब नाम के गुरुग्राम के दफ्तर में एसोसिएट डायरेक्टर के पद पर 2017 तक रहे पुष्पेंद्र सिंह परमार ने आरोप लगाया है कि जैक मा की कंपनी यूसी वेब भारत में फेक न्यूज फैला रही थी और इसका विरोध करने पर उसको नौकरी से निकाल दिया गया. पुष्पेंद्र ने कुछ खबरों का हवाला देते हुए कोर्ट को बताया कि 2017 में इस वेबसाइट ने खबर दिखाई कि आधी रात से 2 हजार रुपए के नोट भारत में बंद हो जाएंगे. एक बार वेबसाइट पर खबर चलाई गई कि भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध छिड़ गया है. यूसी वेब और यूसी ब्राउजर जैक मा की ही कंपनी है.

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पूर्व कर्मचारी पुष्पेंद्र द्वारा लगाए गए आरोप बेहद सनसनीखेज और गंभीर हैं. उसने कोर्ट में लगाई अपनी अर्जी में बताया है कि वेबसाइट में कोई भी ऐसी खबर रोक दी जाती थी जो चीन के खिलाफ हो. जानबूझकर कई फेक न्यूज को वेबसाइट के माध्यम से छापा गया. हाल ही में भारत सरकार ने चीनी सीमा पर हिंसक झड़प के बाद सुरक्षा कारणों से कुछ चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध लगा दिया था जिसमें यूसी न्यूज और यूसी ब्राउजर शामिल है.

30 दिन में देना होगा लिखित जवाब

इस मामले में याचिकाकर्ता के वकील अतुल अहलावत ने कहा कि फिलहाल मामला कोर्ट में विचाराधीन है ऐसे में वो इस मामले में कुछ बोलना नहीं चाहते. याचिकाकर्ता ने इस मामले में जैक मा की कंपनी पर करीब 2 करोड़ रुपए का हर्जाना लगाने की मांग की है. जैक मा की कंपनी अलीबाबा की तरफ से पूर्व कर्मचारी के आरोपों पर अभी कोई सफाई सामने नहीं आई है.

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गुरुग्राम की जिला अदालत में सिविल जज सोनिया शिवखंड की तरफ से न सिर्फ जैक मा को समन किया गया है बल्कि इसके साथ-साथ अलीबाबा के एक दर्जन अधिकारियों को भी कोर्ट ने खुद या अपने वकील के जरिए 29 जुलाई को पेश होने को कहा है. समन के मुताबिक, जज ने कंपनी के अधिकारियों से 30 दिन के अंदर लिखित में जवाब देने को भी कहा है.

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चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध लगाने के बाद भारत सरकार ने इन कंपनियों को लिखित में भी यह जवाब मांगा है कि क्या वो अपने कॉन्टेंट को सेंसर करते हैं या किसी विदेशी सरकार के इशारे पर काम करते हैं. ऐसे में यूसी वेब के पूर्व कर्मचारी के आरोप बेहद गंभीर है. पुष्पेंद्र ने अपनी अर्जी में कहा है कि अगर चीन के खिलाफ कोई खबर वेबसाइट पर डालने की कोशिश की जाती थी, तो वेबसाइट सिस्टम उसे रिजेक्ट कर देता था. तकनीकी रूप से कुछ कीवर्ड की मदद से चीन के खिलाफ जाने वाली किसी भी खबर को वेबसाइट पब्लिश होने से पहले ही रोक लेती थी.

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