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समझौता ब्लास्ट के आरोपी इंद्रेश कुमार बोले, 'हिंदू आतंकियों को छोड़ा जाए'

समझौता ब्लास्ट केस के आरोपी आरएसएस नेता इंद्रेश कुमार का कहना है कि आतंकी गतिविधियों में गिरफ्तार सभी हिंदुओं को मामले की जांच पूरी होने तक जमानत मिलनी चाहिए. उनकी मोदी सरकार से मांग है कि अन्य मुद्दों के साथ इसे भी प्राथमिकता मिलनी चाहिए.

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समझौता ब्लास्ट केस के आरोपी आरएसएस नेता इंद्रेश कुमार का कहना है कि आतंकी गतिविधियों में गिरफ्तार सभी हिंदुओं को मामले की जांच पूरी होने तक जमानत मिलनी चाहिए. उनकी मोदी सरकार से मांग है कि अन्य मुद्दों के साथ इसे भी प्राथमिकता मिलनी चाहिए. इंद्रेश कुमार ने ये बातें अंग्रेजी अखबार 'हिंदुस्तान टाइम्स' से कहीं.

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आपको बता दें कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ नेता इंद्रेश कुमार पर आतंकी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप है. सीबीआई और एनआईए ने उनके खिलाफ जांच भी की. लेकिन पर्याप्त सबूतों के अभाव में अब एनआईए ने इस मामले में उनसे और पूछताछ नहीं करने का मन बनाया है.

एनआईए द्वारा आगे पूछताछ नहीं किए जाने की खबर पर उन्होंने कहा, 'मैं पहले दिन से कहता आ रहा हूं कि कांग्रेस नीत यूपीए सरकार साजिश के तहत आरएसएस और उसके कुछ पदाधिकारियों को फंसाने की कोशिश कर रही थी. पिछली सरकार और कुछ नेताओं ने मिलकर यह साजिश रची. इसमें कांग्रेस नेतृत्व भी शामिल था. उन्होंने जांच एजेंसियों का अपने फायदे के लिए इस्तेमाल किया. हालांकि, वह कामयाब नहीं हो सके. उन्होंने भगवा, हिंदू और संघ को बदनाम करने का पाप और अपराध किया. शायद इसी कारण से चुनावों में उनकी दुर्गति हुई. यूपीए सरकार ने पहले एटीएस, फिर सीबीआई और आखिर में एनआईए का इस्तेमाल अपने राजनीतिक फायदे के लिए किया.'

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उन्होंने आगे कहा, 'कई ऐसे लोग पिछले तीन-छह साल से जेल में बंद हैं, जिनका नाम चार्जशीट में भी नहीं है. मानवाधिकार और सबको न्याय देने की बात करें, तो कइयों को बिनी किसी गलती के बहुत बड़ी सजा मिली है. आज की तारीख में कम से कम जांच एजेंसी यह तो कर सकती है कि सुनवाई पूरे होने तक उन्हें बेल दिया जाए. निर्दोषों और देशभक्तों की छवि अपराधी और आतंकियों जैसी हो गई, जो पिछली सरकार की साजिश का नतीजा था. वक्त आ चुका है कि उन्हें इस छवि से छुटकारा मिले.'

इंद्रेश कुमार ने कहा, 'भगवा आतंकियों को जेल में रखे रहना उनके साथ अन्याय होगा. उन्हें जल्द से जल्द न्याय मिलना चाहिए. एनआईए और सरकार को उन्हें जेल से निकालने के लिए जरूरी कदम उठाने चाहिए. मामले की सुनवाई जारी रहेगी. अगर मुस्लिमों को इस आधार पर जमानत मिल सकती है क्योंकि वे मुसलमान हैं, तो एनआईए को कम से कम उनका जमानत का इंतजाम करना चाहिए. एनआईए को हिम्मत दिखाने की जरूरत है. मुझे उम्मीद है कि वह अपना काम करेंगे.'

उन्होंने मोदी सरकार से मांग की, 'मुझे पता है कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व सरकार की कई प्राथमिकताएं हैं पर यह मामला भी उस लिस्ट का हिस्सा होना चाहिए.'

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