सरकार के आश्वासन के बावजूद गुरुवार से ट्रक चालक प्रस्तावित हड़ताल पर हैं. ट्रांसपोर्टरों के शीर्ष संगठन ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस ( AIMTC ) ने पूरे देश में अनिश्चितकालीन हड़ताल का आह्वान किया है.
ट्रक परिचालक मौजूदा टोल प्रणाली को खत्म करने और टैक्स के ‘एकमुश्त’ भुगतान समेत कई मांगों को लेकर आंदोलन पर हैं. AIMTC ने कहा है कि अनिवार्य सेवाओं को इस हड़ताल से अलग रखा जाएगा. वहीं ट्रांसपोर्टरों के एक अन्य संगठन आल इंडिया ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन (AITWA) ने इस कार्रवाई से खुद को पूरी तरह अलग रखने की घोषणा की है.
सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने AIMTC के प्रतिनिधि मंडल के साथ बैठक में उनकी चिंताओं को दूर करने के लिए दिसंबर तक देश भर में इलेक्ट्रॉनिक टोल प्रणाली का वादा किया, लेकिन टोल प्रणाली को पूरी तरह खत्म करने की संभावना खारिज कर दी.
AIMTC के अध्यक्ष भीम वाधवा ने वित्त मंत्री अरूण जेटली के साथ बैठक के बाद कहा, 'हम हड़ताल पर जा रहे हैं. राजमार्ग मंत्री ने जिस इलेक्ट्रॉनिक टोल प्रणाली की पेशकश की है वह समाधान नहीं है क्योंकि सरकार की ई-टोलिंग परियोजना एक विफल अवधारणा है. यहां तक कि प्रायोगिक परियोजना ही विफल रही.' उन्होंने कहा,' आईसीआईसीआई बैंक और एक्सिस बैंक जैसे सहयोगी बैंकों ने ही परियोजना से दूरी बना ली है.'
वाधवा ने कहा कि ट्रांसपोर्ट कारोबार पर टीडीएस प्रावधान को लेकन उनकी मांग पर वित्त मंत्री ने सीबीडीटी चेयरमैन के साथ बैठक का आश्वासन दिया है. उन्होंने दावा किया, ‘इस हड़ताल से दैनिक आधार पर ट्रक परिचालकों को 1500 करोड़ रुपये और सरकार को 10,000 करोड़ रुपये का नुकसान होने का अनुमान है.' वहीं AITWA के अध्यक्ष प्रदीप सिंघल ने कहा कि वे इस हड़ताल से अलग रहेंगे.
इससे पहले गडकरी ने बुधवार को एआईएमटीसी से हड़ताल वापस लेने की अपील की और दिसंबर तक सभी 325 टोल प्लाजा पर इलेक्ट्रानिक टोल संग्रहण प्रणाली का आश्वासन दिया.
भाषा से इनपुट