तीन तलाक पर जारी गतिरोध के बीच ऑल इंडिया मुस्लिम लॉ बोर्ड के उपाध्यक्ष डॉ. सईद सादिक ने बड़ी घोषणा की है. सादिक ने घोषणा की है कि वे 18 महीनों के भीतर तीन तलाक खत्म कर देंगे. हालांकि उन्होंने तीन तलाक के मुद्दे पर सरकार के हस्तक्षेप पर आपत्ति भी दर्ज कराई और कहा कि इस मामले में बाहर के दखल की जरूरत नहीं है.
आपको याद दिला दें कि हाल ही में ऑल इंडिया मुस्लिम लॉ बोर्ड ने दावा किया था कि उन्हें शरियत और तीन तलाक के पक्ष में मुस्लिम महिलाओं के करीब साढ़े तीन करोड़ फॉर्म प्राप्त हुए हैं. अब इसके बाद मुस्लिम लॉ बोर्ड का यह बयान काफी आश्चर्यजनक है.
ऑल इंडिया मुस्लिम लॉ बोर्ड की महिला विंग की मुख्य आयोजक असमा जेहरा ने भी इस बात की तस्दीक की थी कि बोर्ड को शरियत और तीन तलाक का समर्थन करने वाली मुस्लिम महिलाओं के 3.50 करोड़ फॉर्म मिले थे. असमा के मुताबिक देश भर में तीन तलाक और शरियत का विरोध करने वाली मुस्लिम महिलाओं की गिनती बहुत ही कम है. असमा का कहना था कि एक साथ तीन बार तलाक बोलना एक सामाजिक मुद्दा है, धार्मिक नहीं. पिछले कुछ सालों से बेवजह तलाक के मुद्दे को निशाना बनाया जा रहा है.
11 मई से सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
आपको यह भी बता दें कि 11 मई से सुप्रीम कोर्ट तीन तलाक, निकाह हलाला और बहुविवाह जैसी मुस्लिम परंपराओं को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करेगा.
इस मुद्दे पर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड जैसे मुस्लिम संगठनों ने जमकर अपना विरोध दर्ज कराया है. मुस्लिम लॉ बोर्ड के मुताबिक ये परंपराएं उनके पवित्र धर्म ग्रंथ कुरान से आई हैं जिस वजह से इसमें अदालत दखल नहीं दे सकती क्योंकि ये परंपराएं न्याय प्रणाली के दायरे में नहीं आतीं.