तीन तलाक पर सुप्रीम कोर्ट से शिकस्त खाने के बाद अब ऑल इंडिया मुस्लिम मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने सोशल मीडिया पर एंट्री की है. बदलते समय में युवाओं के बीच सक्रिय भूमिका अदा करने के लिए बोर्ड ने ये कदम बढ़ाया है. पर्सनल लॉ बोर्ड ने सोशल मीडिया के ट्विटर से लेकर फेसबुक, वाट्सएप और टेलीग्राम प्लेटफार्म पर आधिकारिक रूप से अपना अकाउंट बनाया है.
बोर्ड के पहले ट्वीट पर सवाल
मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने अपने ट्विटर अकाउंट पर 19 जनवरी को पहला ट्वीट करते हुए लिखा Hello twitter. पर्सनल लॉ बोर्ड के के पहले ट्वीट पर फॉलोवर्स ने जमकर सवाल उठाए. रिट्वीट करते हुए लोगों ने लिखा कि पहले ट्वीट में हैलो नहीं, सलाम दुआ करनी चाहिए. अधिकतर लोगों ने सलाम करते हुए रिट्वीट किया.
Hello Twitter! #myfirstTweet
— All India Muslim Personal Law Board (@AIMPLB_Official) January 20, 2018
प्रतिबंधित होने का खतरा?
पर्सनल लॉ ने आज ट्वीट करते हुए लिखा है कि आप लोग चाहते हैं कि शरियत किसी तरह के हस्तक्षेप से सुरक्षित रहे, तो आपको प्रैक्टिस करनी चाहिए. आप इसे व्यवहार में लाते हैं तो कोई सरकार इसे प्रतिबंधित नहीं कर सकती है. अगर कभी इसे प्रतिबंधित भी किया जाता है तो प्रभावी नहीं होगा. ये सब आपके हाथ में हैं.
If you want the Shariah to be protected from any kind of interfarenc, you must start practicing it. When you practice it, no government can ban it. If it's ever banned, it won't be effective. So it's all in your hands. #Think
— All India Muslim Personal Law Board (@AIMPLB_Official) January 24, 2018
बोर्ड के इस ट्वीट के पीछे कई मायने हैं. तीन तलाक के खिलाफ मोदी सरकार सख्त है. इतना ही नहीं मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड को लेकर भी सवाल लगातार खड़े हो रहे हैं. पूर्व केंद्रीय मंत्री आरिफ मोहम्मद खान सहित कई मुस्लिम समाज के लोग भी मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड को खत्म कर देने की वकालत करते रहे हैं. योगी सरकार के अल्पसंख्यक मंत्री मोहसिन रजा ने तो बोर्ड को बैन करने की भी वकालत की है.
सोशल मीडिया में सक्रीय मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड
बता दें कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने पिछले दिनों लखनऊ में अपने सचिवों की बैठक की थी. इसी बैठक में तय हुआ था कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड को सोशल मीडिया में अपनी अहम भूमिका अदा करनी चाहिए. बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना राबे हसन नदवी ने बकायदा इसकी स्वीकृति दी.
मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने प्रेस रिलीज में कहा था कि सोशल मीडिया के जरिए इस्लामिक तालीम को आम करने और शरीयत की खूबियों को फैलाने की कोशिश है. बोर्ड के इस कदम से लोगों के सामने सही बातें सामने आएंगी और विरोधी अपनी साजिश से बेनकाब होंगे.
मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव मौलाना वली रहमानी की देखरेख में सोशल मीडिया पर बोर्ड सक्रिय है. बोर्ड ने देश भर के मुसलमानों से अपील की है कि वो मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के ट्विटर,फेसबुक, वाट्सएप और टेलीग्राम आधिकारिक अकाउंट से जुड़ें.
बोर्ड के ट्विटर अकाउंट को 6401 लोग अभी तक फॉलो कर रहे हैं. जबकि वहीं बोर्ड सिर्फ 7 लोगों को फॉलो कर रहा है. इनमें तीन मीडिया के ट्विटर अकांउट हैं तो तीन चार मुस्लिम शख्सियत हैं.