प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कहा कि सभी जनधन बैंक खातों को ‘आधार’ से जोड़ा जाना चाहिए. उन्होंने बैंकों से इस काम में तेजी लाने और वित्तीय साक्षरता बढ़ाने के प्रयास दोगुना करने को कहा.
प्रधानमंत्री ने सभी बैंकरों को ईमेल भेजकर ‘जनधन योजना’ को अमल में लाने के लिए उनके काम की सराहना की है और कहा है कि देश के कुल परिवारों में से 99.74 फीसदी योजना के दायरे में लाए गए हैं, जो कि लक्ष्य से काफी ज्यादा है.
उन्होंने कहा कि सरकार यह तय करेगी कि और भी कई योजनाओं में डायरेक्ट कैश ट्रांसफर प्लेटफार्म का इस्तेमाल किया जाए. प्रधानमंत्री ने ई-मेल में लिखा, ‘प्रधानमंत्री जनधन योजना को सफल बनाने में आपने जो असाधारण कार्य किया है, उससे मुझे काफी खुशी हुई है. सभी परिवारों के बैंक खाते खोलने का काम इसके लिए तय समय सीमा 26 जनवरी 2015 से पहले ही पूरा कर लिया गया.’ उन्होंने मेल में लिखा, ‘बहुत कम समय में 11.5 करोड़ नए खाते खोलकर हमने देश भर के 99.74 फीसदी परिवारों को इसमें शामिल कर लिया गया है. मैं इस असाधारण प्रयास के लिए आपको बधाई देता हूं.’
प्रधानमंत्री ने कहा कि बैंकों ने इस योजना पर शक जताने वालों को गलत साबित कर दिया, इससे उन्हें अब प्रेरणा मिलनी चाहिए. उन्होंने बैंको से कहा ‘हमें वित्तीय साक्षरता पर अपने प्रयास दोगुने कर देने चाहिए. आधार से जोड़ने की प्रक्रिया में और सुधार की जरूरत है. बैंक मित्रों को गावों में ही रूपे कार्ड और आधार से जुड़े हस्तांतरण करने में सक्षम बनाना चाहिए.’ उन्होंने कहा ‘मैं चाहता हूं कि आप यह सुनिश्चित करने के लिए काम करें कि हर खाताधारक आधार से जुड़ा हो और यह बैंक खातों से संबद्ध हो. ऐसा हर खाते के लिए करने की जरूरत है. मुझे पूरा भरोसा है कि आप आधार से संबद्ध करने का काम भी उसी उत्साह से करेंगे, जो आपने बैंक खाते खोलने के अभियान में दिखाया.’ जनधन एक प्रमुख वित्तीय समावेश योजना है जिसे प्रधानमंत्री ने पिछले साल 28 अगस्त को शुरू किया.
मोदी ने कहा कि अच्छी शुरुआत का मतलब आधा काम हो गया. उन्होंने भविष्य का खाका पेश किया और कहा कि जनधन योजना लोगों की आर्थिक स्थिति में बदलाव के लिए एक मंच प्रदान करती है. उन्होंने कहा ‘हमें इस सफलता को मजबूत बनाना है और इससे अपने नागरिकों को विभिन्न तरह की ऋण, बीमा और पेंशन सेवाएं पेश करने के लिए इन खातों का फायदा उठाने की जरूरत है.’
मोदी ने कहा कि विकास की ज्यादातर गतिविधियां सिर्फ एक ही अक्षमता से बाधित होती हैं, बैंक खाता न होना. उन्होंने कहा ‘हमने अपनी इस अक्षमता पर काबू पा लिया है. कुछ प्रत्यक्ष लाभ अंतरण योजनाओं के जरिए लोगों के पास लाभ पहुंचने भी लगा है. इससे न सिर्फ यह सुनिश्चित होता है कि लाभ सीधे तौर पर लोगों तक पहुंचे, बल्कि आपके खाते का भी अच्छी तरह उपयोग हो.’ बैंकों का उत्साह बढ़ाते हुए उन्होंने कहा ‘आपको याद होगा कि जब हमने इस मिशन की शुरुआत की थी, तो कइयों को पांच महीने की सीमित अवधि में इस काम को पूरा करने की हमारी क्षमता को लेकर संदेह जताया था.’
उन्होंने कहा, ‘हालांकि, आपने संदेह करने वालों को गलत साबित कर दिया है और उस लक्ष्य को प्राप्त कर लिया है जो असंभव दिखता था. इस अद्भुत काम से आपको और अन्य लोगों को सपनों को सच करने के लिए काम करने की प्रेरणा मिलेगी.’ प्रधानमंत्री ने बैंकों के इस कार्य को राष्ट्रनिर्माण में उनका उल्लेखनीय योगदान बताया और इस व्यापक राष्ट्रीय मिशन का हिस्सा बनने के लिए उनका धन्यवाद किया. उन्होंने कहा कि इसके जरिए ‘हम देश के हर नागरिक को बेहतर जीवन स्तर पाने में मदद कर सकेंगे.’
- इनपुट भाषा से