नरेंद्र मोदी सरकार के सभी मंत्रियों को अपनी संपत्ति, देनदारी व किसी प्रकार के व्यावसायिक हित का ब्यौरा दो महीने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सौंपना होगा.
इन मंत्रियों से एक तरह से किसी भी प्रकार के व्यवसाय से अपने को दूर रखने को कहा गया है. उन्हें कहा गया है कि जो मंत्री सरकार में अपनी नियुक्ति होने से पहले किसी कारोबार के प्रबंधन या परिचालन से जुड़े थे तो उससे सभी तरह के संबंध समाप्त कर लें.
ये सब निर्देश गृह मंत्रालय द्वारा मंत्रियों के लिए जारी आचार संहिता में उल्लेखित हैं. मंत्रालय ने नई सरकार के आने के बाद आचार संहिता फिर से जारी की है. इस संहिता के अनुपालन की निगरानी प्रधानमंत्री करेंगे. इसमें मंत्रियों से कहा गया है कि वे प्रशासनिक आधिकारियों की राजनीतिक निष्पक्षता बनाए रखे तथा किसी अधिकारी को ऐसा काम करने को न कहें जो उनके दायित्वों व जिम्मेदारियों के प्रतिकूल हो.
इसमें मंत्रियों से यह भी कहा गया है कि वे यह सुनिश्चित करें कि उनके पारिवारिक सदस्य न तो कोई ऐसा कारोबार करें न ही ऐसे कारोबार में भागीदारी करें जो कि सरकार को सेवाओं या सामान की आपूर्ति करने वाला हो. इसी तरह मंत्रियों के पति या पत्नी अथवा आश्रित को किसी दूसरे देश के मिशन में नौकरी पर पूरी तरह से रोक होगी.
मंत्री द्वारा दिए जाने वाले ब्यौरे में अचल संपत्तियों की सारी जानकारी शामिल होगी जिनमें उनकी खुद की तथा पारिवारिक सदस्यों के शेयरों व डिबेंचरों का कुल मूल्य, नकदी व आभूषण आदि शामिल है.