संसद के बजट सत्र से पहले सोमवार को लोकसभा स्पीकर और सरकार की ओर से सर्वदलीय बैठक बुलाई गई. लोकसभा स्पीकर ने सभी दलों की बैठक बुलाई, ताकि बजट सत्र में संसद का काम सुचारु रूप से चलाया जा सके. इससे पहले विंटर सेशन में नोटबंदी पर हंगामे के चलते पूरा सत्र बर्बाद हो गया था.
सर्वदलीय बैठक में पीएम मोदी ने कहा कि चुनावों के समय कुछ मतभेद होने के बावजूद भी संसद चलनी चाहिए और उसकी कार्यवाही प्रभावित नहीं होनी चाहिए. संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने कहा कि सभी पार्टियों का कहना है कि बजट सत्र चलना चाहिए.
'चुनावी राज्यों को लेकर ना हो घोषणा'
विपक्ष ने मार्च में होने वाले बजट सत्र के दूसरे सेशन से पहले एक और ऑल पार्टी मीटिंग की मांग की है. सर्वदलीय बैठक के बाद गुलाम नबी आजाद ने कहा कि सरकार को चुनावों से पहले बजट सत्र नहीं लाना चाहिए. इसका असर चुनावी राज्यों पर पड़ेगा. आजाद ने कहा कि बजट में ऐसी कोई भी घोषणा नहीं होनी चाहिए, जिसका संबंध चुनावी राज्यों से हो. अगर ऐसा हुआ तो इसका बजट सत्र पर असर पड़ेगा.
नोटबंदी पर चर्चा की मांग
कांग्रेस ने बजट सत्र में नोटबंदी, आतंरिक सुरक्षा और संवैधानिक संस्थाओं की स्वतंत्रता पर चर्चा करने की मांग रखी है. सुप्रीम कोर्ट और चुनाव आयोग द्वारा इन सब मुद्दों को लेकर टिप्पणी की गई हैं.
बजट के दिन संसद का बहिष्कार करेंगे TMC सांसद
इस बीच टीएमसी के सांसद बजट के दिन संसद का बहिष्कार कर सकते हैं. चिट फंड मामले में दो सांसदों की गिरफ्तारी के विरोध में टीएमसी संसद का बहिष्कार कर सकती है.
1 फरवरी को पेश होगा बजट
संसद का बजट सत्र 31 जनवरी से शुरू हो रहा है. पहले दिन राष्ट्रपति का अभिभाषण और आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट रखी जाएगी. 1 फरवरी को आम बजट पेश किया जाएगा. इस बार रेल बजट भी आम बजट के साथ ही पेश किया जाएगा. सत्ता में आने के बाद मोदी सरकार ने अलग से रेल बजट के खत्म करते हुए उसे आम बजट का हिस्सा बना दिया था.
दो हिस्सों में चलेगी बजट सत्र की कार्यवाही
बजट सत्र का पहला हिस्सा छोटा होगा और 9 फरवरी तक चलेगा. 4 फरवरी से यूपी समेत पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव की शुरुआत हो रही है. बजट सत्र का दूसरा हिस्सा 9 मार्च से शुरू होगा और 12 अप्रैल तक चलेगा.
विपक्ष की क्या होगी रणनीति?
विधानसभा चुनावों से पहले बजट पेश करने का तमाम विपक्षी दल विरोध कर रहे हैं. 16 विपक्षी दलों ने चुनाव आयोग से भी सरकार की शिकायत की थी. इन दलों ने मांग की थी कि बजट 8 मार्च को मतदान खत्म होने के बाद पेश होना चाहिए. सरकार लोकलुभावने वादों के साथ वोटरों को प्रभावित कर सकती है. ये मामला अदालत में भी गया था और बजट की तारीख में बदलाव की मांग खारिज कर दी गई.