दागी सांसदों पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ सभी पार्टियां एक हो गई हैं. सभी दलों की एक साथ बैठक में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का जबरदस्त विरोध किया गया.
लालू से लेकर लेफ्ट, बीजेपी से लेकर टीएमसी तक...सभी पार्टियां दागी सांसदों के बचाव में जुट गईं.
बैठक में पार्टियों ने आशंका जाहिर की कि दागी सांसदों और विधायकों की सदस्यता रद्द करने के बारे में जो आदेश सुप्रीम कोर्ट ने दिया है, उसका दुरुपयोग हो सकता है.
दलों ने सरकार से अपील की कि सरकार इस मसले पर बिल लाए, ताकि संसद की सर्वोच्चता बनी रहे. गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने ऐतिहासिक आदेश में कहा था कि दागी सांसदों को चुनाव लड़ने से रोका जाए.
अदालत ने फैसला दिया था कि जिन जनप्रतिनिधियों को 2 साल या उससे अधिक की सजा सुनाई जाएगी, उसकी सदस्यता तत्काल रद्द हो जाएगी. अगर सुप्रीम कोर्ट का फैसला इनके पक्ष में आएगा, तो इनकी सदस्यता खुद ही वापस हो जाएगी.
इतना ही नहीं, कैद में रहते हुए किसी नेता को वोट देने का अधिकार भी नहीं होगा और न ही वे चुनाव लड़ सकेंगे, क्योंकि जेल जाने के बाद उन्हें नामांकन करने का हक नहीं होगा. सुप्रीम कोर्ट का ये फैसला तत्काल प्रभाव से ही लागू माना जाएगा.
सुप्रीम कोर्ट ने जनप्रतिनिधियों को सुरक्षा कवच प्रदान करने वाला जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 8(4) को खत्म कर दिया है. इसके तहत सजा के बाद अपील लंबित होने तक पद पर बने रहने का प्रावधान था.