बजट सत्र को सुचारू रूप से चलाने के लिए शनिवार को राज्यसभा के सभापति हामिद अंसारी द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक खत्म हो गई है. बताया जाता है कि बैठक में आपसी चर्चा के बाद केंद्र सरकार सदन में जेएनयू विवाद और हरियाणा में जाट आरक्षण के मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है. जाहिर तौर पर इससे पिछले दो सत्र की तरह इस बार भी हंगामेदार संसद सत्र की आशंका बढ़ गई है.
गौरतलब है कि संसद के पिछले दो सत्र में कामकाज न होने से चिंतित सभापति ने आगामी बजट सत्र को सफल बनाने के लिए बैठक बुलाई थी. अंसारी ने इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित उच्च सदन में प्रतिनिधित्व वाले सभी दलों को चर्चा के लिए बुलाया. संसद का बजट सत्र 23 फरवरी से शुरू होकर तीन माह तक चलेगा.
#Visuals All Party meet of Rajya Sabha leaders underway pic.twitter.com/BsA8xOKcXk
— ANI (@ANI_news) February 20, 2016
राज्यसभा के सभापति द्वारा संसद सत्र से पहले औपचारिक रूप से बैठक बुलाने का यह संभवत: पहला मौका है. इसका उद्देश्य बजट सत्र को सुचारु ढंग से चलाना है. इससे पहले बुधवार को उप राष्ट्रपति राज्यसभा में कांग्रेस और बीजेपी के नेताओं से अनौपचारिक रूप से बातचीत कर चुके हैं.
बता दें कि ऊपरी सदन में मोदी सरकार के पास बहुमत नहीं है. पिछले मानसून और शीत सत्र में विपक्ष के हंगामे के कारण उच्च सदन में कोई कामकाज नहीं हो सका था. कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के विरोध के कारण आर्थिक सुधार से संबंधित कई अहम विधेयक यहां रुके हुए हैं. बजट सत्र में रेल बजट 26 को और फिर आम बजट 29 को पेश किया जाएगा.
कांग्रेस नेताओं से मिलेंगी सोनिया गांधी
दूसरी ओर, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अपने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की बैठक बुलाई है. अभी देश में जिस तरह का माहौल है और जेएनयू का मामला जिस तरह गरमाया हुआ है, संसद का बजट सत्र हंगामेदार होने की आशंका है. इसकी संभावना बहुत कम है कि सदन का सुचारू रूप से संचालन हो पाएगा. हालांकि संसदीय कार्य राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने सभी दलों से आग्रह किया कि वे संसद को चलाने में बाधक ना बनें.
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि विरोध, बाधित करने का बहस, चर्चा और निर्णय पर असर नहीं होना चाहिए. बजट सत्र को लेकर लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन और संसदीय कार्य मंत्री एम वेंकैया नायडू ने सोमवार को अलग-अलग सर्वदलीय बैठक बुलाई है.