सोमवार से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र से ठीक पहले रविवार शाम संसदीय कार्य मंत्री वेंकैया नायडू ने सर्वदलीय बैठक बुलाई. बैठक में विभिन्न दलों के नेताओं के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल हुए. बैठक के दौरान इंश्योरेंस में FDI सीमा बढ़ाने को लेकर सबसे अधिक चर्चा हुई. पीएम ने कहा कि सरकार हर मुद्दे पर बहस को तैयार है. जबकि कांग्रेस ने साफ तौर पर कहा कि वह सदन में कालाधन का मुद्दा उठाएगी, वहीं जेडीयू ने इंश्योरेंस बिल पर सरकार के खिलाफ साझा रणनीति बनाने की कोशिश की.
बैठक खत्म होने के बाद जिस तरह के सुर लेकर राजनीतिक दल बाहर आए, स्पष्ट हो गया कि विपक्ष ने शीतकालीन सत्र में सरकार को घेरने की व्यूह रचना तैयार कर ली है. जेडीयू के प्रवक्ता केसी त्यागी के मुताबिक लोकसभा और राज्यसभा में संयुक्त जनता परिवार दिखाने की कोशिश होगी और दोनों सदनों में इसके लिए नेता भी चुना जाएगा. सरकार को घेरने के लिए इन दलों ने कांग्रेस से मदद भी मांगी है.
सत्र से पहले सरकार की कोशिश सर्वदलीय बैठक के जरिए आम राय बनाने की थी, लेकिन राजनीतिक दलों का रूख ऐसा नहीं दिखा. बैठक में तृणमूल कांग्रेस और समाजवादी पार्टी शमिल नहीं हुई. जबकि शिवसेना की ओर से संजय राउत ने सरकार को राहत देते हुए कहा कि उनकी पार्टी केंद्र सरकार की योजनाओं का समर्थन करेगी.
संसदीय कार्य मंत्री वेंकैया नायडू ने विपक्ष को भरोसा दिया कि सरकार हर मुद्दे पर बहस को तैयार है और इंश्योरेंस बिल विकास के एजेंडे के तहत है. बैठक में सरकार ने सभी राजनीतिक दलों से सिविल सर्विसेज एप्टीट्यूड टेस्ट (सीसैट) को लेकर दो हफ्ते में सुझाव मांगा है. बहरहाल, पीएम ने उम्मीद जताई है कि बजट सत्र की तरह शीतकालीन सत्र भी बढ़िया होगा.