केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शुक्रवार को कहा कि सभी राज्यों के वित्त मंत्री वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) जल्द लागू करने के पक्ष में हैं. राज्यों के वित्तमंत्रियों के साथ बजट पूर्व बैठक के बाद जेटली ने कहा कि सभी राज्य जीएसटी को शीघ्रता से लागू करने के पक्ष में हैं. सरकार की योजना एक अप्रैल 2016 से जीएसटी लागू करने की है.
पिछले सप्ताह सरकार ने लोकसभा में जीएसटी विधेयक पेश किया था. सरकार के मुताबिक 1947 के बाद से यह अकेला सबसे महत्वपूर्ण कर सुधार है. इस विधेयक के निर्बाध कार्यान्वन के लिए जेटली पहले ही संसद को बता चुके हैं कि तीन साल के भीतर केंद्र सरकार राज्यों की 34,000 करोड़ रुपये की बकाया मुआवजा राशि का भुगतान कर देगा.
शुक्रवार को हुई बैठक में जेटली ने यह भी कहा कि कुछ राज्य चाहते हैं कि राजकोषीय उत्तरदायित्व एवं बजट प्रबंधन अधिनियम 2003 (एफआरबीएमए) की सीमा बढ़ाई जाए ताकि राज्य और अधिक कर्ज ले सकें. एफआरबीएमए अधिनियम को संसद ने पारित किया था. इसका उद्देश्य वित्तीय अनुशासन को संस्थागत करना, राजकोषीय घाटे को कम करना और व्यापक आर्थिक प्रबंधन में सुधार लाना था.
- इनपुट IANS से