ट्रैफिक नियमों को सख्त करते हुए सरकार 'सड़क परिवहन एवं सुरक्षा विधेयक- 2014' पेश करने जा रही है. विधेयक के विरोध में गुरुवार को ट्रांसपोर्ट से जुड़े मजदूर संघों ने देश के कई राज्यों में हड़ताल की, जिससे लाखों लोगों की यात्रा प्रभावित हुई.
देश भर के मजदूर संघ बीजेपी पर कामगार विरोधी नीति बनाने का आरोप लगाते हुए इस प्रस्तावित विधेयक को रद्द किए जाने की मांग कर रहे हैं. नए विधेयक में लापरवाही पूर्वक गाड़ी चलाने पर 50 हजार रुपये, शराब पीकर वाहन चलाने पर 10 हजार रुपये और अत्यधिक तेज परिचालन पर 6,000 रुपये के चालान का प्रावधान है. इसे मंत्रिमंडल के पास मंजूरी के लिए रखा जाना है.
सार्वजनिक परिवहन, ऑटो-रिक्शा और टैक्सी संचालकों द्वारा बुलाई गई 24 घंटे की हड़ताल के कारण केरल में बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन और हवाई अड्डे पर हजारों लोग फंसे हुए हैं. राज्य में छह श्रमिक संघों ने इस हड़ताल का आह्वान किया है. त्रिपुरा में भी बंद के कारण सार्वजनिक परिवहन बुरी तरह प्रभावित रहा. परिवहन कार्यकर्ताओं ने पूरे त्रिपुरा में रैलियां निकालीं.
सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियंस (सीटू) की कार्य समिति के सदस्य तापस दत्ता ने बताया, 'हड़ताल का व्यापक असर हुआ है. राज्य में कहीं भी अप्रिय घटना घटित नहीं हुई है.' हड़ताल का असर पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और हरियाणा में रहा.
इनपुट IANS