इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गुरूवार को ट्रिपल तलाक पर कड़ी टिप्पणी करते हुए इसे असंवैधानिक करार दिया, कोर्ट ने कहा कि कोई भी पर्सनल लॉ संविधान से ऊपर नहीं है. हाईकोर्ट ने कहा कि मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक देना क्रूरता की श्रेणी में आता है.
कांग्रेस की नेता रेणुका चौधरी ने फैसले पर कहा कि यह दुखद है कि कोर्ट को यह बताना पड़ा. फैसले के बाद मुस्लिम महिलाओं को सुरक्षा मिलेगी. देश में संविधान ही सुप्रीम है, देश में शांति से रहने के लिए कानून का पालन करना सभी के लिए जरूरी है.
सपा नेता अमर सिंह बोले कि सबकुछ संविधान से निर्धारित नहीं हो सकता, यह एक संवेदनशील मुद्दा है. यह सही है कि कोई बोर्ड संविधान से ऊपर नहीं है, यही बात मुलायम सिंह ने बाबरी मस्जिद गिरने के वक्त कही थी कि सभी बातें संविधान निर्धारित नहीं करता. अमर सिंह बोले कि इस फैसले का यूपी चुनाव पर भी असर होगा, लेकिन हम इसे लागू नहीं होने देंगे.
केंद्रीय मंत्री कृष्णा राज बोलीं कि हाईकोर्ट का फैसला स्वागत योग्य है, इस फैसले से मुस्लिम महिलाओं के साथ जो भी अत्याचार होते है उन पर लगाम लगेगी और उन्हें भी समान अधिकार मिलेंगे. कृष्णा राज बोलीं कि जो मुस्लिम धर्मगुरू इसके पक्ष में हैं वह गलत कर रहे है. हमारी सरकार का एजेंडा सबका सम्मान करना हैं हम वोटबैंक की राजनीति नहीं करते है.
सपा नेता अमरसिंह और कांग्रेस नेता रेणुका चौधरी की बीच तू-तू मैं-मैं
हाईकोर्ट के फैसले पर सपा नेता अमर सिंह और कांग्रेस नेता रेणुका चौधरी के बीच जमकर तू-तू मैं-मैं हुई. देखिए उसकी झलक-
अमर सिंह - कृष्ण भगवान की 16 रानियां थी, राजा दशरथ की तीन रानियां, पहले महाराजाओं कि अनेक रानियां होती थी. क्षत्रियों में ये परम्परा रही है कि राजा हारा तो रानी दे दी, हिंदु धर्म बेहद उदार है. मुसलमानों कि शरीयत संवेदनशील है इस पर कोई हमारे जैसा व्यक्ति बयान दे ये सही नहीं है.
रेणुका - पुराने ज़माने कि कहानी मत सुनाइये अमर सिंह जी, इससे तीन तलाक़ का कोई मतलब नहीं है. एक पुरुष को अधिकार दे रहे कि वो फोन पर बोले और तलाक़ ले ले और हमारा जीवन तबाह हो जाए, महिलाओं का हक़ में मर्यादा रखनी चाहिए.
अमर सिंह - इनकी बात सही है पर मैं बोलूंगा तो उसका प्रभाव पूरे देश में पड़ेगा, इसलिए मैं अपनी वाणी को विराम दे रहा हूं क्योंकि ये मामला सुप्रीम कोर्ट जायेगा.
रेणुका- सुप्रीम कोर्ट जाने दीजिए परलोक जाने दीजिए अमरसिंह जी. सति से लेकर महिलाओं के हक के लिए राजा राम मोहन रोय एक आदमी खड़ा रहा उसके वजह से इसलिए लोग ज़िंदा हैं.
अमर सिंह- एक राजनेता होने के कारण में एक बड़े समुदाय के बारे में मैं विचार प्रकट करूँगा तो उनकी कमेटी में, पर चैनल में नहीं बोल सकूँगा. मैं भावनात्मक नैतिक रूप से अपनी बहन से सहमत हूँ, मैं एक दल का महासचिव हूं मैं कुछ बोलूंगा तो पूरे दल पर लागू होगा.
रेणुका- ये मेरी भी अपनी राय है, मगर मैं अमर सिंह से सहमत नहीं हूं.
अमर सिंह- मैं वही कह रहा हूं जो इनकी पार्टी कह रही है, रेणुका बहादुर महिला हैं मेरी बहन है, महिला अधिकार के लिए लड़ाका महिलाओं में से एक है, यहां लोगों में झाँसी की रानी हैं. पर मैं बोल नहीं सकूगां.
रेणुका- इसीलिए से समाज आगे नहीं बढ़ सकेगा. शबरिमला से लेकर हाज़िर अली से लेकर महिला आरक्षण क्षणिक हम लड़े हैं, इस पर भी लड़ाना है तो लड़ेंगे.
अमर सिंह - शबरिमला महिला आरक्षण और हाज़ि अली अलग बात है, मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड से टकराने कि मेरी हिम्मत नहीं है.
रेणुका - हम कोई टकरा नहीं रहे ये बात महिलाओं के अधिकार की है, जब आपको कभी रक्षा कि जरूरत पड़ेगी तो महिलाऐं खड़ी रहेगी.