इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर के किसी विश्वविद्यालय से बीएड करने वाले विद्यार्थियों को उत्तर प्रदेश के विशेष बीटीसी पाठ्यक्रम के लिए महज इसलिए अयोग्य नहीं कहा जा सकता क्योंकि कश्मीर को विशेष दर्जा प्राप्त है और वह राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षण परिषद (एनसीटीई) के दायरे से बाहर है.
न्यायमूर्ति सुनील अंबावानी और न्यायमूर्ति काशीनाथ पांडेय की खंडपीठ ने आदेश जारी करते हुए जम्मू कश्मीर विश्वविद्यालय से बीएड करने वाली साधना सिंह की विशेष अपील को स्वीकार किया. साधना ने उत्तर प्रदेश में 2007 में प्राथमिक स्कूल शिक्षकों की नियुक्ति के लिहाज से विशेष बीटीसी पाठ्यक्रम के लिए आवेदन किया था लेकिन संबंधित अधिकारियों ने इसे खारिज कर दिया था.
अदालत ने इस साल 28 मार्च को अपने आदेश में कहा, ‘‘कुछ उम्मीदवारों को अलग रखना द्वेषपूर्ण भेदभाव होगा जिन्होंने ऐसे राज्यों में स्थित विश्वविद्यालयों से डिग्री प्राप्त की है जहां एनसीटीई कानून लागू नहीं होता. ऐसे छात्रों को जम्मू-कश्मीर को दिये गये विशेष दर्जे के आधार पर अयोग्य नहीं माना जा सकता.’’