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राजीव के खिलाफ आरोप घृणित और हास्‍यास्‍पद: कांग्रेस

कांग्रेस ने इन आरोपों को ‘घृणित’ और ‘हास्यास्पद’ करार दिया है कि 1984 की भोपाल गैस त्रासदी के मद्देनजर यूनियन कारबाइड के प्रमुख वारेन एंडर्सन को भारत आने से पहले राजीव गांधी सरकार ने ‘सुरक्षित रास्ता’ देने का आश्वासन दिया था.

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कांग्रेस ने इन आरोपों को ‘‘घृणित’’ और ‘‘हास्यास्पद’’ करार दिया है कि 1984 की भोपाल गैस त्रासदी के मद्देनजर यूनियन कारबाइड के प्रमुख वारेन एंडर्सन को भारत आने से पहले राजीव गांधी सरकार ने ‘‘सुरक्षित रास्ता’’ देने का आश्वासन दिया था.

कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि इस बारे में कोई भी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष सबूत नहीं है और यह आरोप पूरी तरह घृणित तथा हास्यास्पद है.

इससे पूर्व तत्कालीन विदेश सचिव एमके रसगोत्रा ने भोपाल गैस त्रासदी को लेकर उठे विवाद को यह कहकर नया मोड़ दे दिया कि पीवी नरसिम्हा राव के तहत गृह मंत्रालय ने गैस रिसाव के मद्देनजर एंडर्सन के भारत आने से पहले उसे ‘‘सुरक्षित रास्ता’’ देने का आश्वासन दिया था.

रसगोत्रा और नयी दिल्ली स्थित अमेरिकी दूतावास में अमेरिकी मिशन के तत्कालीन उप प्रमुख गॉर्डन स्ट्रीब के इन बयानों के बारे में पूछे जाने पर कि एंडरसन को भारत यात्रा के दौरान सरकार ने सुरक्षित रास्ता देने का आश्वासन दिया था सिंघवी ने कहा ‘‘आरोप पूरी तरह राजनीतिक है.’’{mospagebreak}

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सिंघवी ने कहा ‘‘भारत का प्रधानमंत्री यह नहीं देखता कि हर पुलिसवाला क्या कर रहा है. मैं आपसे सीधा सा सवाल पूछता हूं कि यह सज्जन 25 साल बाद ऐसा क्यों कह रहे हैं ? क्या वह किसी और समय यह आरोप नहीं लगा सकते थे? और वे राजनीतिक दल अब आरोपों के आधार पर इन चीजों को क्यों उठा रहे हैं. यदि थोड़ा सा भी सबूत था तो ये आरोप पूर्व में लगाए जाने चाहिए थे.’’

उन्होंने कहा ‘‘अब एक मंत्री समूह (जीओएम) है. इन सब बातों पर विचार होगा..लेकिन निश्चित तौर पर इस तरह के घृणित आरोपों के लिए कोई जगह नहीं है. इनका कोई आधार नहीं है सिवाय इसके कि निहित स्वाथरें के लिए कुछ हद तक राजनीतिक सनसनी पैदा की जाए.’’

कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा ‘‘सबकुछ नहीं खोया है क्योंकि प्रक्रियाएं हैं जिनके जरिए उच्चतम न्यायालय के सामने उसी के द्वारा वर्षों पहले दिए गए फैसले के खिलाफ समीक्षा याचिका दायर की जा सकती है. उस प्रक्रिया को दोबारा शुरू किया जा सकता है जिसमें उसे भगोड़ा घोषित किया गया था.’’ एक सवाल के जवाब में सिंघवी ने कहा कि भोपाल गैस त्रासदी और संसद में लंबित परमाणु दायित्व विधेयक के बीच कोई संबंध नहीं है.{mospagebreak}

सिंघवी ने कहा ‘‘मुझे दोनों को (भोपाल गैस त्रासदी और परमाणु दायित्व विधेयक) जोड़ने का कोई कारण दिखाई नहीं देता क्योंकि प्रस्तावित असैन्य परमाणु दायित्व विधेयक परमाणु उपकरणों के आपूर्तिकर्ताओं और संचालकों तक सीमित है और उन्हीं पर लागू होता है.

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कोई यह नहीं कह रहा कि भोपाल में परमाणु संयंत्र जैसी कोई बात थी. इसे किसी भी स्वरूप में पारित किया जाए इसका गैर परमाणु संयंत्र स्थलों से कोई लेना देना नहीं है.’’ सिंघवी सांसदों के एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं जो वाषिर्क भारत..याले संसदीय नेतृत्व कार्यक्रम में भाग लेने आया है.

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