सामाजिक कार्यकर्ता नूतन ठाकुर के आरोपों का जवाब देते हुए पीएमओ ने अपने हलफनामे में इलाहाबाद हाईकोर्ट से कहा है कि रॉबर्ट वाड्रा पर लगाए गए नूतन ठाकुर के आरोपों में कोई दम नहीं है. संयुक्त सचिव धीरज गुप्ता ने कहा है कि ये दो व्यक्तियों के बीच का निजी मामला है जो पूरी तरह व्यावसायिक है.
रॉबर्ट वाड्रा और डीएलफ के खिलाफ सामाजिक कार्यकर्ता नूतन ठाकुर ने जो याचिका इलाहाबाद हाईकोर्ट दाखिल की थी. पीएमओ की ओर दिये गए शपथ पत्र में उसकी आलोचना की गई है.
पीएमओ के संयुक्त सचिव धीरज गुप्ता की ओर से दायर शपथ पत्र में इस मामले को दो व्यक्तियों के बीच का निजी व्यायसायिक मसला करार दिया गया है. शपथ पत्र में ये भी कहा गया है कि मामले से जुड़े लोगों ने सफाई दे दी है. लिहाजा वाड्रा पर लगाए गए आरोप गलत और बेबुनियाद हैं. और राजनीति से प्रेरित हैं.
धीरज गुप्ता की ओर से दायर इस शपथपत्र में नूतन की याचिका को आधारहीन करार दिया गया है. धीरज गुप्ता का कहना है कि याचिका अखबार की कतरनों को जोड़कर दायर की गई है, जिसमें कोई सच्चाई नहीं है.. बस पब्लिसिटी पाने का स्टंट है. हालांकि शपथपत्र में इस बात का कोई जिक्र नहीं है कि प्रधानमंत्री को भेजे गए आवेदन पर अब तक क्या कार्यवाही हुई है. याचिका पर 29 नवंबर को सुनवाई होने वाली है.