देश की सर्वोच्च जांच एजेंसी केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) में पिछले दो महीने से चल रहे विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को अपना फैसला सुनाया. सुप्रीम कोर्ट ने छुट्टी पर भेजे गए CBI निदेशक आलोक वर्मा को दोबारा पद पर बहाल करने का आदेश दिया है. आलोक वर्मा ने आज दोबारा सीबीआई दफ्तर जाकर निदेशक के रूप में कार्यभार संभाला. हालांकि अगले एक हफ्ते तक वह कोई नीतिगत फैसला नहीं ले पाएंगे. बुधवार को नागेश्वर राव ने आलोक वर्मा को सीबीआई दफ्तर में रिसीव किया, नागेश्वर राव की उनकी अनुपस्थिति में अंतरिम डायरेक्टर के पद पर तैनात थे.
Delhi: CBI Chief #AlokVerma enroute to CBI headquarters to take charge. pic.twitter.com/8LIRU9Lcji
— ANI (@ANI) January 9, 2019
सुप्रीम कोर्ट ने पलटा केंद्र का फैसला
बता दें कि सीबीआई में शीर्ष पदों पर तैनात दो अफसरों में झगड़ा सामने आने के बाद केंद्र सरकार ने दोनों को छुट्टी पर भेज दिया गया था. जिसके बाद सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र के फैसले को गलत ठहराते हुए कहा कि उनके पास ये फैसला लेने का अधिकार नहीं है.
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि अफसरों के बीच को झगड़े के अलावा केंद्र को सीबीआई निदेशक के पद की गरिमा का भी ध्यान रखना चाहिए. इस प्रकार का फैसला सिर्फ उच्च स्तर की कमेटी ही ले सकती है, जिसमें प्रधानमंत्री, सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस और लोकसभा में विपक्ष के नेता शामिल होते हैं.
हालांकि, अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट में आलोक वर्मा को पूर्ण रूप से राहत नहीं दी है. कोर्ट के फैसले के अनुसार, आलोक वर्मा पर जो भ्रष्टाचार संबंधी आरोप हैं, उसपर उच्च स्तरीय कमेटी फैसला लेगी. इस कमेटी को एक सप्ताह के अंदर अपना फैसला सुनाना होगा, तबतक आलोक वर्मा कोई बड़ा फैसला नहीं ले पाएंगे.
केंद्र बोला- सीवीसी की सिफारिश पर किया था फैसला
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया था. सरकार की ओर से वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा था कि केंद्र सरकार ने सिर्फ केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC) की सिफारिश पर ही निर्णय किया था, वह सुप्रीम कोर्ट के फैसले को विस्तार से पढ़ इसका पालन करेंगे.
आलोक वर्मा से जुड़े केस में फैसला सुनाने वाली पीठ में मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायाधीश संजय किशन कौल और न्यायाधीश के.एम. जोसेफ शामिल थे. आपको बता दें कि आलोक वर्मा का बतौर सीबीआई निदेशक कार्यकाल इसी जनवरी में समाप्त हो रहा है.