यूपी के मेरठ में महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे की प्रतिमा स्थापित करने को लेकर मचा बवाल अभी थमा भी नहीं था कि राजस्थान के अलवर में एक पुल को गोडसे का नाम दे दिया गया. एनसीआर क्षेत्र में आने वाले अलवर में 750 मीटर लंबे इस फ्लाईओवर पर एक पट्टिका लगी थी, जिस पर लिखा था राष्ट्रवादी नाथूराम गोडसे पुल.
यह फ्लाईओवर अलवर शहर के भगत सिंह सर्किल को अग्रसेन सर्किल से जोड़ता है. हालांकि मीडिया के सवाल करने के बाद इस पट्टिका को हटा दिया गया. अंग्रेजी अखबार द टाइम्स ऑफ इंडिया ने इस आशय की खबर प्रकाशित की है.
गौरतलब है कि इस पुल के निर्माण को कांग्रेस की अशोक गहलोत सरकार ने 2012 में मंजूरी दी थी. पुल का निर्माण बीजेपी नीत वाली वसुंधरा राजे की सरकार के कार्यकाल में 22 करोड़ की लागत से पूरा हुआ. माना जा रहा है कि इस पुल का उद्घाटन आने वाले कुछ दिनों में किया जाएगा.
पुल के नामकरण को लेकर मीडिया के सवालों पर अधिकारी लगभग दो घंटे तक टालमटोल करते रहे. इसके बाद अपने राजनीतिक और ब्यूरोक्रेसी के हुक्मरानों से सलाह मशविरे के बाद कलेक्टर महावीर स्वामी ने पुल पर लगी पट्टिका को हटाने के लिए अधिकारियों की टीम भेजी.
अलवर के कलेक्टर ने कहा कि यह कुछ असामाजिक तत्वों का काम है, जो सांप्रदायिक तनाव फैलाना चाहते हैं. हालांकि कलेक्टर इस बात का जवाब नहीं दे पाए कि प्रशासन और वर्करों की बिना जानकारी के फ्लाईओवर पर पट्टिका कैसे लगी.