राजस्थान के अलवर में दलित महिला से हुए गैंगरेप पर जमकर बयानबाजी हो रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान पर पलटवार करते हुए बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की मुखिया मायावती ने भी उनपर निजी टिप्पणी की है. उन्होंने पीएम मोदी पर गैंगरेप केस पर राजनीति करने का आरोप भी लगाया है.
मायावती ने बयान जारी कर कहा कि नरेंद्र मोदी अलवर गैंगरेप मामले के प्रकाश में आने के बाद चुप थे. वह इस पर घृणास्पद राजनीति करने की कोशिश में हैं. वे ऐसा इसलिए कर रहे हैं जिससे उन्हें इसका राजनीतिक लाभ मिल सके. यह बेहद शर्मनाक है. वे किसी और की बहन और पत्नी का सम्मान कैसे कर सकते हैं जब उन्होंने अपनी पत्नी को राजनीतिक लाभ के लिए छोड़ दिया.
मायावती ने कहा, 'मुझे तो यह भी मालूम है कि बीजेपी में खासकर विवाहित महिलाएं अपने आदमियों को श्री मोदी के नजदीक जाते देखकर, ये सोचकर भी ज्यादा घबराती हैं कि कहीं ये मोदी अपनी पत्नी की तरह हमें भी अपने पति से अलग न करवा दें.'
दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को बसपा सुप्रीमो मायावती पर निशाना साधते हुए कहा था कि प्रदेश की बेटियां आज बहन जी से पूछ रही हैं कि राजस्थान की घटना के बाद बहन जी ने अब तक कांग्रेस से अपना समर्थन वापस क्यों नहीं लिया है.Mayawati, BSP: Mujhe toh yeh bhi maloom chala hai ke BJP mein khash kar vivahit mahilayen apne aadmiyon ko Shri Modi ke nasdik jate dekh kar, yeh soch kar bhi kafi zyada ghabrati rehti hai ke kahin yeh Modi apne auraat ki tarah humein bhi apne pati se alag na karwa de. https://t.co/zBBmQhQepo
— ANI UP (@ANINewsUP) May 13, 2019
कुशीनगर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "राजस्थान में दलित बेटी के साथ सामूहिक अत्याचार हुआ. वहां 'नामदार' की सरकार है, जो बसपा के सहयोग से चल रही है. दोनों पार्टियां इस घटना को दबाने में लगी हैं. प्रदेश की बेटियां आज बहन जी से पूछ रही हैं कि राजस्थान में बेटी के साथ जो घटना हुई उस पर आपने अपना समर्थन वापस क्यों नहीं लिया."
बसपा सुप्रीमो मायावती का आधिकारिक बयान
गौरतलब है कि 26 अप्रैल को कुछ लोगों ने थानागाजी-अलवर रोड पर मोटर साइकिल पर जा रहे दंपति को रोका और पति की पिटाई की. उन्होंने पति के सामने महिला से गैंगरेप किया. एक आरोपी ने उसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया था. घटना के बाद से राजस्थान पुलिस पर लापरवाही के आरोप लगते रहे हैं. घटना के 12 दिन बाद पुलिस आरोपियों को पकड़ सकी. इतना ही नहीं मामले में एफआईआर दर्ज करने में पुलिस को तीन दिन का वक्त लग गया.
पुलिस की लापरवाही विपक्ष ने जहां सवाल उठाए वहीं बीजेपी ने इस घटना पर कड़ी नाराजगी जाहिर की थी. भीम आर्मी के नेता चंद्रशेखर आजाद ने पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के मैदान में भी कूद पड़े. उन्होंने दलित महिला के साथ गैंगरेप करने वाले आरोपियों का सामाजिक बहिष्कार करने की मांग के साथ ही मामले की सुनवाई के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाने की भी मांग उठाई थी.