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गो-तस्करी के नाम पर गई एक और जान, आखिर कब रुकेंगे ऐसे खूनी हमले!

पुलिस के मुताबिक बीती रात करीब एक बजे के आसपास उन्हें जानकरी मिली थी कि दो तस्कर है जो गायों को राजस्थान से हरियाणा की तरफ ले जा रहे है. उन्हें कुछ लोगों ने घेरा हुआ है और मारपीट भी की है.

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मॉब लिंचिंग ने ली एक और जान
मॉब लिंचिंग ने ली एक और जान

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राजस्थान के अलवर में गो-तस्करी के आरोप में एक शख्स को पीट-पीटकर मार दिया गया. उसे परिवार का रो-रो कर बुरा हाल है. सात मासूम बच्चों के सिर से पिता का साया उठ गया है. शनिवार रात इस परिवार का सब कुछ लुट गया. दरअसल अलवर जिले के रामगढ़ थाना क्षेत्र के लालवंडी गांव में गो तस्करी के आरोप में इस परिवार के मुखिया की बेरहमी से भीड़ ने पीट-पीट कर हत्या कर दी.

पुलिस के मुताबिक शनिवार रात करीब एक बजे के आसपास उन्हें जानकरी मिली थी कि दो तस्कर हैं जो गायों को राजस्थान से हरियाणा की तरफ ले जा रहे हैं. उन्हें कुछ लोगों ने घेरा हुआ है और मारपीट भी की है.

गो-तस्कर समझ पीटना शुरू किया

मामले की जानकारी मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची तो कुछ लोग भागते हुए नजर आए. मौके पर दो लोग दो गाय को लेकर खड़े थे जबकि एक शख्स घायल अवस्था में कीचड़ में सना हुआ मिला. जब घायल शख्स से उसके बारे में जानकरी ली गई तो पता लगा कि उसका नाम रकबर है जो कि कोल गांव थाना फिरोजपुर हरियाणा का रहने वाला है.

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रकबर ने पुलिस को बताया कि वो ओर उसका साथी लाडपुर से दो गाय खरीदकर पैदल ही लालवंडी गांव के जंगल से होते हुए अपने गांव जा रहे थे तभी कुछ लोगों ने गो-तस्कर समझ कर उन्हें मारना-पीटना शुरू कर दिया.

किसी तरह से उसका साथी असलम मौके से भागने में कामयाब हो गया. इसके बाद रकबर अचानक बेहोश हो गया. पुलिस ने रकबर को घायल अवस्था में अलवर के राजीव गांधी सामान्य अस्पताल में भर्ती करवाया जहां डॉक्टर ने उससे मृत घोषित कर दिया.

4 साल पहले दर्ज हुआ था मामला

पुलिस के मुताबिक जांच में पता चला है कि मृतक रकबर पर साल 2014 में भी गो-तस्करी का मामला दर्ज हुआ था. फिलहाल इस मामले की जांच की जा रही है कि ये केस गो-तस्करी का है या नहीं.

पुलिस का कहना है कि अब तक कि जांच में कोई ऐसा सबूत नही मिला है जिससे ये साबित हो कि रकबर और उसका साथी गायों को खरीद कर लाए हों, लेकिन मामले की जांच जारी है. साथ ही दो लोगों हिरासत में लिया गया है जिनका नाम धर्मेंद्र यादव और परमजीत है.

चश्मदीद असलम के मुताबिक जब वो खानपुर से गाय खरीद कर वापस आ रहे थे तभी कुछ लोगों ने उन्हें घेर लिया और बिना कुछ बोले मारपीट करना शुरू कर दिया. उन लोगों के हाथों में हथियार थे. उन्होंने हवा में फायरिंग भी शुरू कर दी जिसके बाद असलम मौका देखकर भाग निकला, लेकिन रकबर वहीं फंस गया. असलम का कहना है कि ये लोग 30-30 हजार में दो गाय खरीद कर ला रहे थे.

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बकरा खरीदने गया था

वहीं इस मामले में हरियाणा के नुंहू जिले के फिरोजपुर तहसील के कोल गांव में रहने वाले रकबर के पिता सुलेमान का कहना है कि रकबर पहाड़ में पत्थर तोड़ने का काम करता था. वह अपने साथी के साथ बकरे लेने के लिए आया था. उसका गो-तस्करी से कोई लेना-देना नहीं है.

लेकिन इस बात को जरूर माना कि साल 2014 में रकबर पर गो-तस्करी का केस दर्ज हुआ था, लेकिन वो इस काम को छोड़ चुका था. पिता का कहना है कि रकबर महज 38 साल का था जिसके 7 बच्चे है. आज ये लोग इंसाफ की मांग कर रहे हैं, तो वहीं रकबर के बड़े भाई के मुताबिक रकबर मजदूरी के साथ-साथ गाय भी पालता था और दूध बेचने का काम करता था. उनका कहना कि रकबर बताकर गया था कि वो गाय लेने जा रहा है, लेकिन कहां यह नहीं बताया.

अब बच्चों का क्या होगा

रकबर की सास के मुताबिक रकबर के 7 बच्चे हैं और वो घर मे अकेला कमाने वाला था. अब उनके बच्चों का क्या होगा. बहरहाल, पुलिस इस मामले में हिरासत में लिए दोनों लोगों से पूछताछ कर बाकी लोगों के बारे में जानकारी जुटाने में लगी हुई है. पुलिस का कहना है कि जल्द ही इस मामले में कुछ और गिरफ्तारी हो सकती है, लेकिन सवाल यह उठता है कि ये कोई पहला ऐसा मामला नहीं है जब भीड़ ने गौ-तस्करी के आरोप में किसी की पीट-पीट कर हत्या की हो. इससे पहले भी ऐसा हो चुका है. ऐसे मामले में तमाम कार्रवाई के दावे भी किए गए, बावजूद इसके ऐसी घटना का बार-बार होना कई सवाल खड़े करता है.

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