समाजवादी पार्टी (सपा) से निष्कासित राज्यसभा सांसद अमर सिंह ने मुलायम सिंह यादव के लोहियावादी होने पर प्रश्नचिन्ह लगाते हुये आरोप लगाया है कि समाजवादी पार्टी मात्र एक परिवार की पार्टी बनकर रह गई है.
अमर सिंह ने अपने ब्लॉग में पूर्वांचल राज्य के गठन के बहाने मुलायम पर निशाना साधते हुये कहा है, ‘लोहिया पार्क में खुदा बद्री विशाल पित्ती का परिचय पढ़ने से पता चलता है कि छोटे राज्यों का समर्थन तो खुद डा. लोहिया करते थे. बद्री विशाल जी द्वारा आयोजित तेलंगाना के हिमायत की रैली में लोहिया जी खुद गये थे. मुलायम सिंह जी या तो आप लोहियावादी नहीं हैं या फिर आप अपने स्वार्थी मुलायमवाद का सफेद झूठ लोहिया जी पर मढ़ना चाहते हैं.’
उन्होंने कहा, ‘तेलंगाना समर्थक डा. लोहिया पूर्वांचल के गठन के खिलाफ हो ही नहीं सकते. परिवारवाद, जातिवाद, तानाशाही करने वालों को लोहिया के समाजवाद को बदनाम करने का कोई अधिकार नहीं है.’ अमरसिंह ने सपा पर परिवारवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाते हुये कहा, ‘मेरे पुराने दल में तो एक ही परिवार के मुलायम, रामगोपाल, शिवपाल, अखिलेश और धर्मेंद्र के अलावा पूरब का भी कोई यादव मेरे भूतपूर्व नेता को सूझता हीं नहीं है. सारी नेतृत्व क्षमता और गुणवत्ता मात्र परिवार और परिवारवाद में ही है. मेरी गलती है कि चौदह सालों से लगातार हो रही इस धांधली को मैंने क्यों नहीं देखा.’
अमर सिंह ने कहा, ‘डा. लोहिया के साथी जार्ज फर्नांडिज, मधु लिमये, मामा बालेश्वर, जनेश्वर मिश्र बद्री विशाल पित्ती जैसे नेता थे. उनकी संगत में अतीक अहमद, अफजल अंसारी, डी.पी. यादव, रमाकांत यादव, उमाकांत यादव जैसे सूरमाओं की जगह पढ़ने लिखने वाले लोग होते थे.’ उन्होंने अपनी तुलना लोहिया से करते हुये कहा, ‘लोहिया जी को भी मेरी तरह 1955 में उनकी ही पार्टी से निकाल दिया गया था.’ अमर सिंह ने कहा कि लोहिया जी पार्टी के अध्यक्ष बन सकते थे लेकिन नहीं बने और बिल्कुल गुमनाम व्यक्ति एस. एम. सिंह को अध्यक्ष बनाया गया था.
अमर सिंह ने दावा किया कि जौनपुर के सपा नेता और पूर्व सांसद पारसनाथ यादव ने जेल में बंद कुख्यात शूटर मुन्ना बजरंगी को उनके पीछे लगा दिया है. उन्होंने कहा, ‘लेकिन, जाको राखे साइयां मार सके न कोय.’