विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) ने अमरनाथ गुफा श्राइन के प्रवेश बिंदु से आगे धार्मिक रस्मों पर प्रतिबंध संबंधी राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के आदेश को तुगलकी फतवा बताया. विहिप ने कहा कि हिन्दू पृथ्वी पर प्रत्येक पारिस्थितिक समस्या के लिए जिम्मेदार नहीं है.
विहिप के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया ने कहा, ‘‘हम भारत सरकार से हर बार एक या अन्य कारण से हिन्दू धर्म की भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचाने की अपील करते है. एनजीटी को इस तरह का तुगलकी फतवा वापस लेना चाहिए.’’ एनजीटी ने दक्षिण कश्मीर हिमालय में स्थित अमरनाथ गुफा श्राइन की पर्यावरण-संवेदनशीलता को बनाये रखने के लिए इसे मौन क्षेत्र घोषित कर दिया और प्रवेश बिंदु से आगे धार्मिक रस्मों पर रोक लगा दी.
एनजीटी ने कहा कि गुफा श्राइन के आसपास मौन क्षेत्र घोषित होने से हिमस्खलन को रोकने में मदद मिलेगी. इसकी प्राचीन प्रकृति को बनाये रखा जा सकेगा.
एनजीटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने कहा कि अमरनाथ श्राइन बोर्ड को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि तीर्थयात्रियों को समुचित ढांचागत सुविधाएं उपलब्ध कराई जाए ताकि वे स्पष्ट दर्शन करने से वंचित न रहे और क्षेत्र का पारिस्थितिकी तंत्र बना रहे.
अमरनाथ गुफा दक्षिण कश्मीर हिमालय में 12,756 फुट की ऊंचाई पर स्थित है और इसे हिन्दुओं का एक पवित्र स्थान समझा जाता है.