करीब 2 साल पहले पाकिस्तान की सीमा के अंदर जाकर भारतीय सेना की ओर से किए गए सर्जिकल स्ट्राइक का वीडियो उस रात सामने आया जब अमरनाथ यात्रा के लिए श्रद्धालुओं का पहला जत्था उसी दिन की सुबह बहुस्तरीय सुरक्षा घेरे में जम्मू के भगवती नगर आधार शिविर से रवाना हो गया.
अमरनाथ यात्रा पर जाने वाले यात्रियों का पहला जत्था कश्मीर के दो आधार शिविरों बालटाल और पहलगाम से बुधवार से रवाना हुआ. इस जत्थे में कुल 1904 श्रद्धालु हैं, जिनमें 1554 पुरुष, 320 महिलाएं और 20 बच्चे शामिल हैं.
तो होगा एक और सर्जिकल स्ट्राइक
कश्मीर में भारतीय सेना का ऑपरेशन ऑल आउट जारी है. ऐसी आशंका जताई जा रही है कि आतंकियों के सफाए से बौखलाए आतंकी अमरनाथ यात्रा पर आतंकी हमला कर सकते हैं. साथ ही राज्य में पीडीपी-बीजेपी सरकार के पतन के बाद आतंकी हमलों की संभावना और बढ़ गई है. संभावित आतंकी खतरे को देखते हुए सुरक्षा के इंतजाम काफी कड़े किए गए हैं.
सर्जिकल स्ट्राइक का यह वीडियो अमरनाथ यात्रा शुरू होने के तुरंत बाद आया है, ऐसे में हो सकता है कि भारत सरकार पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों को यह संदेश देना चाह रही हो कि अमरनाथ यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं पर किसी तरह का कोई आतंकी हमला हुआ तो उसकी खैर नहीं होगी, पड़ोसी मुल्क में एक और सर्जिकल स्ट्राइक कर दिया जाएगा.
सुरक्षा को लेकर संजीदा सरकार
भारत सरकार इस यात्रा को सुरक्षित बनाए रखने को लेकर काफी संजीदा है और उसने इसके लिए कड़ी सुरक्षा-व्यवस्था की है. सुरक्षा अधिकारियों के अनुसार, इस वर्ष की तीर्थयात्रा के लिए जम्मू-कश्मीर पुलिस, अर्धसैनिक बल, एनडीआरएफ और सेना से करीब 40 हजार सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की गई है.
अमरनाथ यात्रा रूट पर फिदायीन हमले की संभावना को देखते हुए श्रीनगर में एनएसजी के ब्लैक कैट कमांडो तैनात कर दिए गए हैं. ये कमांडो किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं. साथ ही एयरपोर्ट की सुरक्षा भी इन कमांडो के जिम्मे ही है.
साथ ही इस साल सरकार ने अमरनाथ यात्रियों के प्रत्येक वाहन की निगरानी रेडियो फ्रीक्वेंसी टैग से करने का निर्णय किया है. इसके साथ ही तीर्थयात्रियों द्वारा लिए गए प्रीपेड मोबाइल नंबरों की वैधता भी सात दिन से बढ़ाकर 10 दिन कर दी गई है.
हिज्बुल ने दिया आश्वासन
हालांकि इस बार आतंकी संगठन हिज्बुल मुजाहिदीन की ओर से भी कहा जा रहा है कि श्रद्धालुओं पर किसी तरह का कोई हमला नहीं किया जाएगा. हिज्बुल मुजाहिदीन की ओर से कथित तौर पर जारी किया गया एक ऑडियो सामने आया है जिसमें उसने अमरनाथ जाने वाले श्रद्धालुओं को उनकी सुरक्षा को लेकर आश्वस्त किया है. ऑडियो में कहा गया है कि श्रद्धालुओं को तब तक डरने की जरूरत नहीं है जब तक वह कश्मीर केवल अपने धार्मिक कर्तव्यों को पूरा करने आ रहे हैं.
पिछले वर्ष कुल 2.60 लाख तीर्थयात्रियों ने गुफा में दर्शन किए थे. वर्तमान रास्ते की क्षमता और तीर्थयात्रा क्षेत्र में उपलब्ध अन्य आधारभूत ढांचे को ध्यान में रखते हुए श्रीअमरनाथ श्राइन बोर्ड ने प्रतिदिन 7,500 तीर्थयात्रियों को प्रत्येक रास्ते पर इजाजत देने का निर्णय किया है.