अमरनाथ यात्रा की शुरुआत एक जुलाई से हो रही है. इस साल सुरक्षा के खास इंतजाम केन्द्र सरकार ने किया है, लेकिन फिर भी अमरनाथ यात्रा पर आतंकी हमले का खतरा मंडरा रहा है. आजतक को खुफ़िया सूत्रों ने जानकारी दी कि जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी बालटाल के रास्ते होने वाली अमरनाथ यात्रा को निशाना बना सकते हैं.
सूत्रों से मिली एक्सक्लूसिव जानकारी के मुताबिक जैश के आतंकी बालटाल की तरफ जाने वाले नेशनल हाईवे पर सुरक्षा बलों और अमरनाथ यात्रा के काफिले पर कश्मीर के कंगन के आसपास निशाना बना सकते हैं. मल्टी एजेंसी सेंटर ने स्पेसिफिक अलर्ट जारी कर बताया कि ये जैश के आतंकी है, जो नागबल-कंगन और गन्दरबल के पहाड़ी इलाको में आ चुके हैं.
दरअसल गन्दरबल और मगाम और कंगन के इलाके की पहाड़ियां खतरनाक है. यहां से लाइन ऑफ कंट्रोल के नजदीक जम्मू कश्मीर का गुरेज सेक्टर है. पाकिस्तान हमेशा ये जुर्रत करता है कि इस इलाके से आतंकियों की घुसपैठ कराई जाए. हालांकि सुरक्षा बलों की मुस्तैदी के चलते इस साल कम संख्या में इस इलाके से आतंकी घुसपैठ करने में कामयाब हो पाए हैं.
सूत्र का कहना है कि जो आतंकी कश्मीर में अमरनाथ यात्रा और सुरक्षा बलों पर हमला करने की साजिश रच रहे हैं, उनमें से कुछ आतंकी पाकिस्तानी है. इस तरह के हमले को देखते हुए सुरक्षा बलों ने यात्रा के दोनों रूट (पहलगाम-बालटाल) के सभी जगहों पर अलर्ट जारी कर दिया है. साथ ही इलाके में सुरक्षा के चाकचौबंद इंतजाम किए गए हैं.
इससे पहले पहले केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर का दौरा किया और अधिकारियों को अमरनाथ यात्रा के लिए चाक-चौबंद सुरक्षा इंतजाम करने के आदेश दिए. उन्होंने सभी सुरक्षा एजेंसियों को होई अलर्ट रहने और श्रद्धालुओं के लिए हिंसा मुक्त यात्रा मुहैया कराने को कहा.
उन्होंने कहा कि अमरनाथ यात्रा के दौरान किसी भी तरह की लापरवाही नहीं होनी चाहिए और हर हाल में स्टैंडर्ड ऑपरेशन प्रोसीजर का पालन किया जाना चाहिए. इस दौरान केंद्रीय गृहमंत्री ने सीनियर अफसरों को खुद सुरक्षा व्यवस्थाओं का जायजा लेने को कहा.
उन्होंने कहा कि अमरनाथ यात्रा के दौरान तीर्थयात्रियों को किसी भी तरह की कोई असुविधा न हो इसका ख्याल रखा जाए. श्रद्धालुओं के जत्थे को ठीक समय पर और पूरी सुविधा के साथ रवाना किया जाना चाहिए. उन्होंने बेस कैंपों में भी यात्रियों को पूरी सुविधा मुहैया कराने को कहा.
इसके अलावा अधिकारियों से यह भी कहा गया कि वो यात्रा को सफल बनाने के लिए आधुनिक तकनीक और गैजेट्स का इस्तेमाल करें. सरकार ने अमरनाथ यात्रा के दौरान तीर्थयात्रियों की सुरक्षा के लिए अलग से फंड भी दिया है. सूत्रों के मुताबिक गृह मंत्रालय ने अमरनाथ यात्रा को पूरी तरह हाईटेक बनाने के लिए 55 करोड़ रुपये अतिरिक्त फंड भी दिया है.
जैसा खतरा वैसी तैयारी
कश्मीर में आतंकियों के खिलाफ सुरक्षा बल कड़ी कार्रवाई कर रहे है. इस साल अब तक सुरक्षा बल 122 आतंकियों को ढेर कर चुके हैं. वहीं, अमित शाह के केंद्रीय गृहमंत्री बनने के बाद से अब तक 22 आतंकियों को मार गिराया जा चुका है. सुरक्षा बलों की कार्रवाई से पाकिस्तान परस्त आतंकी बौखलाए हुए हैं और वो इस बौखलाहट में किसी हद तक जा सकते हैं.
सूत्रों ने बताया कि आतंकी अमरनाथ यात्रा के दौरान फिदायीन हमले की कोशिश कर सकते है. जैश और लश्कर आतंकी छोटे-मोटे पाकिस्तान परस्त आतंकी संगठन जैसे अल बद्र, अल उमर मुजाहिदीन और अंसार गजवत उल हिन्द के जरिए सुरक्षा एजेंसियों को चकमा देकर और अमरनाथ यात्रियों के काफिले पर हमला कर सकते हैं.
इस खतरे को पहले से ही भांपते हुए सुरक्षा बलों और गृह मंत्रालय ने इस साल अमरनाथ यात्रा को लेकर कड़े सुरक्षा के प्लान तैयार कर लिए हैं. सुरक्षा महकमे से आजतक को जो जानकारी मिली है, उसके मुताबिक इस बार की अमरनाथ यात्रा में 350 से ज्यादा अर्द्ध सैनिक बलों की कंपनियां सुरक्षा में तैनात की गई है.
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