scorecardresearch
 

'अगर अंबेडकर नहीं होते तो नरेंद्र मोदी कहां होते'

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को बीआर अंबेडकर को ‘राजनीतिक छुआछूत’ का शिकार बताते हुए उन्हें अपने विकास का श्रेय दिया. प्रधानमंत्री ने कहा, 'निजी तौर पर मुझे लगता है कि अगर अंबेडकर नहीं होते तो नरेंद्र मोदी कहां होते.’

Advertisement
X
अंबेडकर अंतरराष्ट्रीय केंद्र के शिलान्यास के मौके पर बोलते प्रधानमंत्री मोदी
अंबेडकर अंतरराष्ट्रीय केंद्र के शिलान्यास के मौके पर बोलते प्रधानमंत्री मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को बीआर अंबेडकर को ‘राजनीतिक छुआछूत’ का शिकार बताते हुए उन्हें अपने विकास का श्रेय दिया. प्रधानमंत्री ने कहा, 'निजी तौर पर मुझे लगता है कि अगर अंबेडकर नहीं होते तो नरेंद्र मोदी कहां होते.’

Advertisement

मोदी डॉ अंबेडकर अंतरराष्ट्रीय केंद्र के शिलान्यास के मौके पर बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि अगर अंबेडकर को केवल वंचित और शोषित समाज के मसीहा के तौर पर देखा जाएगा तो यह उनका अपमान होगा. भारत के पहले कानून मंत्री अंबेडकर ने पूरे मानव समाज के कल्याण के लिए काम किया था.

अंबेडकर को उचित सम्मान नहीं देने के लिए केंद्र में रही विरोधी दलों की सरकारों पर हमला बोलते हुए मोदी ने कहा कि इस समाज सुधारक ने अपने जीवन में सामाजिक छुआछूत का सामना किया था और निधन के बाद ‘राजनीतिक अस्पृश्यता’ का भी सामना कर रहे हैं. अंबेडकर के बनाए संविधान की वजह से जो सरकारें बनीं, उन्हें शायद डॉ अंबेडकर अंतरराष्ट्रीय केंद्र के लिए योजनाओं को अंतिम रूप देने में दिक्कत थी.

प्रधानमंत्री ने कहा, 'जब अंबेडकर के समर्थकों ने 1992 में केंद्र की स्थापना के बारे में सोचा था तो 20 से ज्यादा सालों तक फाइलें इधर से उधर भटकती रहीं. जब मेरे उपर जिम्मेदारी आई तो मैं इस बात से परेशान था कि यह देरी क्यों हुई. लेकिन मैंने फैसला कर लिया कि जहां 20 साल बर्बाद हो गए हों, वहीं परियोजना को 20 महीने में पूरा कर लिया जाएगा.’ मोदी ने कहा कि एक तरह से यह स्मृति केंद्र भी राजनीतिक अस्पृश्यता का शिकार हुआ.

Advertisement

विरोधी दलों पर निशाना साधते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि जिन लोगों ने अंबेडकर की रचनाओं को नहीं पढ़ा है, वे उनके जीवन पर उपदेश दे रहे हैं. मोदी बोले, ‘जो लोग उन्हें स्वीकार नहीं करना चाहते, वे उनकी रचनाओं को कैसे पढ़ने की कोशिश करेंगे?’’ उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली के अलीपुर रोड स्थित आवास को विशाल स्मारक बनाया जाएगा, जहां अंबेडकर का निधन हुआ था.

-इनपुट भाषा से

Live TV

Advertisement
Advertisement