समाजसेवी अन्ना हजारे के दिल्ली सरकार के जनलोकपाल के बिल में संशोधन की मांग के बाद शुक्रवार को उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने विधानसभा में बिल में जनलोकपाल की नियुक्ति से संबंधित दो संशोधन पेश किया. पेश किए गए संशोधन के मुताबिक जनलोकपाल का चयन 7 सदस्य करेंगे. चयन समिति के चार सदस्य आपसी सहमति से होंगे, जबकि बाकी तीन सदस्यों का चयन विपक्ष का नेता, हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस और भूतपूर्व लोकपाल करेंगे.
7 सदस्य करेंगे लोकपाल का चयन
इनमें एक सदस्य दिल्ली हाईकोर्ट का चीफ जस्टिस, दूसरा सदस्य खुद मुख्यमंत्री, तीसरा सदस्य दिल्ली विधानसभा का स्पीकर, चौथा सदस्य विपक्ष का नेता, पांचवें सदस्य का चयन सदन में विपक्ष का नेता करेगा. छठे सदस्य का चयन हाईकोर्ट द्वारा किया जाएगा और सातवें सदस्य का चयन भूतपूर्व लोकपाल या लोकायुक्त करेगा.
लोकपाल को हटाने के लिए सदन में होगी वोटिंग
नए संशोधन के मुताबिक लोकपाल को उसके पद से हटाने के लिए हाईकोर्ट की जांच के बाद सदन में वोटिंग करानी होगी जिसके बाद ही लोकपाल को हटाया जा सकेगा.
इससे पहले अन्ना ने आम आदमी पार्टी के नेता कुमार विश्वास और संजय सिंह को जनलोकपाल बिल पर सुझाव दिए थे. सुझाव मिलने के बाद दोनों नेताओं ने कहा था कि वह इस बात को दिल्ली सरकार को बताएंगे. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जनलोकपाल विधेयक का समर्थन करने के लिए अन्ना हजारे का आभार जता चुके हैं, उन्होंने कहा था कि वह उनके सुझावों को अमल में लाएंगे.
विश्वास और संजय सिंह ने की थी अन्ना से मुलाकात
आम आदमी पार्टी (आप) के नेता कुमार विश्वास और संजय सिंह ने रालेगण सिद्धि जाकर अन्ना हजारे से मुलाकात की थी. केजरीवाल ने एक समाचार पत्र में प्रकाशित अन्ना हजारे के बयान के हवाले से कहा, 'अन्ना जी, आपके समर्थन और शुभकामनाओं के लिए धन्यवाद. हम निश्चित तौर पर आपके सुझावों पर अमल करेंगे.'
अन्ना ने दी आंदोलन की चेतावनी
जनलोकपाल से निकली आम आदमी पार्टी उसी जनलोकपाल के लिए एक बार फिर आंदोलन की राह पकड़ सकती है. आप ने समाजसेवी अन्ना हजारे से मुलाकात के बाद फिर आंदोलन की चेतावनी दी है. कुमार विश्वास और संजय सिंह अन्ना से मिलने रालेगण सिद्धि गए थे. उनसे मुलाकात के बाद अन्ना ने बताया कि दोनों नेताओं ने उनसे कहा कि यदि केंद्र सरकार अबकी बार फिर बाधा डालती है तो वह दोबारा आंदोलन के लिए तैयार रहें.
प्रशांत भूषण ने बताया जनलोकपाल को 'महाजोकपाल'
केजरीवाल के पुराने साथी रहे प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव इस बिल का विरोध कर रहे हैं. प्रशांत भूषण ने इस बिल को जनलोकपाल के बजाए महाजोकपाल तक कहा. प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव ने इस बिल के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन भी किया था. प्रशांत भूषण इस मामले पर गुरुवार को रालेगण सिद्धी भी गए और अन्ना हजारे से मुलाकात की.