ब्लैकबेरी से जुड़ी सुरक्षा चिंताओं पर अमेरिका लगातार भारत, संयुक्त अरब अमीरात और सउदी अरब के संपर्क में है. इन देशों ने ब्लैकबेरी की कूटभाषा के संदेश, चैट जैसी कुछ सेवाओं को लेकर राष्ट्रीय सुरक्षा संबंधी चिंता जताई है.
अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता पी जे क्राउले ने संवाददाताओं से कहा कि यह मसला सूचना की आजादी से जुड़ा है. सूचना तथा प्रौद्योगिकी के प्रवाह से संबंधित है और हम इन देशों की सरकारों के साथ संपर्क में हैं.
क्राउले ने कहा कि हम यह जानने का प्रयास कर रहे हैं कि उनकी चिंताएं क्या हैं. इन देशों की उस कंपनी के साथ इस समय क्या बातचीत चल रही है. इस समय कई देश इस तरह की चर्चा कर रहे हैं. हम देखना चाहते हैं कि इसके प्रभाव क्या हैं.
अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता का यह बयान ऐसे समय आया है, जब भारत सरकार ने कनाडा की कंपनी रिसर्च इन मोशन ने कहा है कि वह भारत में ब्लैकबेरी की सभी सेवाओं की निगरानी की मंजूरी दे.
वहीं दूसरी ओर सउदी अरब ने स्थानीय मोबाइल कंपनियों से ब्लैकबेरी की सेवाएं रोकने को कहा है. सउदी अरब का कहना है ब्लैकबेरी नियामक जरूरतों को पूरा नहीं कर पा रही है.
गत रविवार को संयुक्त अरब अमीरात ने ब्लैकबेरी की कुछ सेवाओं मसलन मैसेंजर, ई-मेल और वेब ब्राउजिंग को 11 अक्तूबर से स्थगित करने की घोषणा की. यूएई ने भी कुछ इसी तरह का आरोप लगाया है कि ब्लैकबेरी की सेवाएं स्थानीय दूरसंचार नियमन को पूरा नहीं कर पा रही हैं.
क्राउले ने कहा कि ये वैध सुरक्षा चिंताएं हैं, जो प्रौद्योगिकी के प्रवाह से जुड़ी हैं. हम इन चिंताओं को समझते हैं. हम यह जानना चाहते हैं कि चिंता की वजह क्या है.