उत्तर कोरिया के सनक भरे रवैये के चलते कोरियाई प्रायद्वीप में युद्ध की आशंका के बादल लगातार गहराते जा रहे हैं. अमेरिकी धमकियों और संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों को ठेंगा दिखाकर प्योंगयांग तकरीबन हर रोज ही नई-नई शैतानियां कर रहा है. कभी मिसाइल टेस्ट तो कभी हाइड्रोजन बम के परीक्षण से उत्तर कोरिया ने जापान और दक्षिण कोरिया की नाक में दम कर रखा है.
अमेरिका क्यों नहीं हो पा रहा सख्त?
अमेरिका, जो कि जापान और दक्षिण कोरिया का अहम रणनीतिक सहयोगी है, लगातार उत्तर कोरिया की बांह मरोड़ने की कोशिश कर रहा है, लेकिन चीन और रूस की शह के चलते किम जोंग उन झुकने को तैयार नहीं है. जापान के ऊपर से लगातार मिसाइलें दाग रहे उत्तर कोरिया ने इसे प्रशांत अभियान का पहला कदम बताया था.
तानाशाह कहे जाने वाले किम जोंग उन ने अमेरिकी प्रशांत द्वीप गुआम पर भी हमले की धमकी दी है. खबरों के मुताबिक किम ने इस क्षेत्र को टारगेट कर और रॉकेट दागने का आदेश दिया है.
दुनिया को खुली चुनौती दे रहा तानाशाह
हालांकि, यह बात ध्यान रखने की है कि उत्तर कोरिया पहले अपने परीक्षणों को उपग्रह परीक्षण कहता रहा है, लेकिन अब वो खुलकर स्वीकार करता है. फरवरी 2017 के बाद से अब तक 14 परीक्षणों के दौरान 21 मिसाइलें दाग चुका उत्तर कोरिया विश्व शांति के लिए खतरे के रूप में देखा जाने लगा है.
जापान, दक्षिण कोरिया और अमेरिका निशाने पर
उत्तर कोरिया ने सभी चेतावनियों को दरकिनार करते हुए शुक्रवार को एक और मिसाइल दागी, जो उत्तरी जापान के ऊपर से होते हुए प्रशांत महासागर में जा गिरी. एक महीने से भी कम समय में जापान के ऊपर से दूसरी मिसाइल दागी है. इससे पहले प्योंगयांग ने बुधवार को चेतावनी दी थी कि जापान के चारों द्वीपों को परमाणु बम से समुद्र में डुबा देना चाहिए.
जापान कहता रहा है सबक सिखाने की बात
जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने हर बार अंतरराष्ट्रीय समुदाय से एकजुट होकर उत्तर कोरिया को जवाब देने की बात कही है. लेकिन अब तक जापान के कोई एक्शन नहीं लिया है. आबे कहते रहे हैं कि "हमें उत्तर कोरिया को यह बताना होगा कि यदि वह इस तरह की हरकतें करता रहा तो उसका कोई भविष्य नहीं होगा."
उत्तर कोरिया के लगातार परीक्षणों को देखते हुए जापान सरकार ने अलर्ट जारी कर लोगों को मिसाइल के मलबे जैसी हर तरह की संदिग्ध वस्तु से दूर रहने की सलाह दी है.
अमेरिका ने बमबर्षक, लड़ाकू विमान दक्षिण कोरिया भेजे
उत्तर कोरिया की धमकियों से आजिज आकर अमेरिका ने कोरियाई प्रायद्वीप में नौसेना का जंगी जहाज भेजा है. साथ ही समय-समय पर दक्षिण कोरिया में बम गिराने के संयुक्त अभ्यास के लिए बमबर्षक और लड़ाकू विमान भी भेजे हैं.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने उन सभी देशों के साथ व्यापारिक संबंध समाप्त करने की बात कही थी, जो उत्तर कोरिया के साथ कारोबार कर रहे हैं. ट्रंप यहां तक कह चुके हैं कि उत्तर कोरिया के खिलाफ सैन्य कार्रवाई पहला विकल्प नहीं होगा. ऐसे में उत्तर कोरिया के लगातार परीक्षणों को देखते हुए अब अमेरिका पर सबकी निगाहें हैं कि वो क्या कदम उठाता है.
इसलिए कार्रवाई से बच रहा है अमेरिका
वहीं उत्तर कोरिया ने कहा कि अगर अमेरिका द्वारा प्रस्तावित अवैध व गैर-कानूनी कड़े प्रतिबंधों के प्रस्ताव को मंजूरी मिल जाती है, तो अमेरिका को इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी. किम जोंग उन की ओर से कहा गया कि उत्तर कोरिया किसी भी हद तक जवाबी कदम उठाने के लिए तैयार है. ऐसे में अमेरिका को ऐसे दर्द और तकलीफ से गुजरना पड़ेगा, जो उसने अब तक के अपने इतिहास में कभी नहीं झेला होगा.
ट्रंप नवंबर में चीन, जापान, दक्षिण कोरिया जाएंगे
नवंबर में डोनाल्ड ट्रंप चीन, दक्षिण कोरिया और जापान का दौरा करेंगे. उत्तर कोरिया के मामले में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ उनकी बातचीत होती रही है और ट्रंप चीन से उत्तर कोरिया को रोकने के लिए कहते रहे हैं. अमेरिका के रक्षामंत्री जेम्स मैट्टिस ने कहा था कि यदि अमेरिका और उसके सहयोगी देशों को कोई खतरा होता है तो उत्तर कोरिया को भारी सैन्य कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा.
नॉर्थ कोरिया अमेरिका के लिए कैसे खतरा?
नॉर्थ कोरिया अमेरिका को लगातार चुनौती देता रहा है. अमेरिका को नॉर्थ कोरिया से सीधा खतरा भले न हो लेकिन जापान और दक्षिण कोरिया जैसे अमेरिका से सहयोगी किम से सीधे निशाने पर हैं इसके अलावा प्रशांत क्षेत्र में स्थित गुआम द्वीप पर अमेरिका का बड़ा सैन्य बेस है और किम जोंग उन इसे तबाह करने की धमकी दे चुके है.
ओबामा के बाद ट्रंप प्रशासन में भी किम जोंग उन ने हथियारों के विस्तार कार्यक्रम को बंद नहीं किया है. पिछले साल जनवरी में नॉर्थ कोरिया ने हाइड्रोजन बम का टेस्ट किया था. साउथ कोरिया, अमेरिका और जापान जैसे देश इसे लेकर कई बार यूएन में शिकायत कर चुके हैं.
इस साल उत्तर कोरिया ने पांच परमाणु और एक मिसाइल सीरीज के परीक्षण की शुरूआत की. पिछले दिनों किम जोंग उन ने कहा था- कुछ भी हो वे कहीं भी और कभी भी परमाणु टेस्ट कर सकते हैं.
उत्तर कोरिया के साथ हैं चीन और रूस
उत्तर कोरिया को एक पक्ष मानकर देखे तो इस पूरे मामले में दो गुट बनते दिखाई देते हैं. पहला अमेरिका, जापान और दक्षिण कोरिया और दूसरा उत्तर कोरिया, चीन और रूस का. चीन और रूस पर उत्तर कोरिया के साथ नरमी बरतने का आरोप लगता रहा है, तो इन्हीं दोनों देशों की शह पर उत्तर कोरिया अमेरिका के सहयोगी देशों जापान और दक्षिण कोरिया को धमकाता रहा है. अमेरिका से चीन उत्तर कोरिया को रोकने की बात करता है, लेकिन चीन उत्तर कोरिया को रोक नहीं पाता.
जापान के प्रधानमंत्री ने रूस के राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन से उत्तर कोरिया के मसले पर बात की थी, लेकिन पुतिन ने स्पष्ट कर दिया कि प्योंगयांग के खिलाफ लगाए गए प्रतिबंधों से कोरियाई प्रायद्वीप की समस्याओं को हल करने में मदद नहीं मिलेगी.
पूर्वी आर्थिक मंच पर दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति मून जाए-इन के साथ बैठक के बाद भी पुतिन ने कहा कि "भावनाओं में बहकर उत्तर कोरिया को अलग-थलग नहीं करना चाहिए." हालांकि चीन के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से उत्तर कोरिया के मामले में संयम बरतने की अपील करते रहे हैं.
संयुक्त राष्ट्र ने उत्तर कोरिया पर नए प्रतिबंधों को दी मंजूरी
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) ने सर्वसम्मति से उत्तर कोरिया के खिलाफ कड़े प्रतिबंधों को मंजूरी दे दी है. ये प्रतिबंध उत्तर कोरिया द्वारा हाल ही में किए गए परमाणु परीक्षण के मद्देनजर लगाए गए हैं. हालांकि, उत्तर कोरिया पर प्रतिबंधों को लेकर अमेरिका की मांगों की धार रूस और चीन ने कम कर दी. इससे संयुक्त राष्ट्र में इन दोनों देशों का प्रभाव झलकता है.
ध्यान देने वाली बात ये है कि उत्तर कोरिया यूएन के प्रस्तावों को लगातार ठेंगा दिखाता रहा है. उत्तर कोरिया ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा प्योंगयांग पर लगाए प्रतिबंधों को गंभीर रूप से उत्तेजक और आर्थिक नाकेबंदी करार दिया. साथ ही अमेरिका को भारी कीमत चुकाने की धमकी दी.
नॉर्थ कोरिया लगातार करता रहा है मिसाइल टेस्ट
फरवरी में नॉर्थ कोरिया ने 500 किमी तक मार करने वाली मिसाइल का टेस्ट किया था. स्टेटमेंट में ये भी कहा गया था, "नॉर्थ कोरिया के मिसाइल टेस्ट का मकसद न्यूक्लियर और मिसाइल कैपिबिलिटीज को दिखाना है."
पिछले साल अक्टूबर में नॉर्थ कोरिया ने बेंग्योन एयरबेस से ही मुसुदन मिसाइल के 2 टेस्ट किए थे. 2016 में नॉर्थ कोरिया ने 2 न्यूक्लियर टेस्ट किए थे. इसमें एक हाइड्रोजन बम का टेस्ट भी शामिल है. अब तक नॉर्थ कोरिया 5 न्यूक्लियर टेस्ट कर चुका है.
पिछले साल भी किए थे कई मिसाइल टेस्ट
इसके अलावा, नॉर्थ कोरिया ने पिछले साल ही कई मिसाइल टेस्ट भी किए थे. जनवरी में उन ने कहा था कि वह इंटर-कॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) बनाने के अंतिम चरण में है. बीते महीनों में उत्तर कोरिया कई बार अपनी ताकत दिखा चुका है. उसने समुद्र के किनारे लाइव फायरिंग भी की थी.
हाल ही में नॉर्थ कोरिया ने इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) का दूसरी बार टेस्ट किया था. बताया गया था कि मिसाइल से लॉस एंजिल्स, शिकागो समेत अमेरिका का बड़ा हिस्सा नॉर्थ कोरिया की जद में आ गया है.