तालिबान के साथ पाकिस्तान सरकार के शांति समझौते के हिस्से के रूप में स्वात घाटी में शरीयत कानून लागू करने के संबंध में पाक सरकार की सहमति को अमेरिका एक अच्छी दिशा में उठाए गए कदम के रूप में नहीं देखता है.
अमेरिका ने अपने इस रूख से पाकिस्तान को अवगत करा दिया है. शांति समझौते पर हस्ताक्षर होने के पहले और बाद में ओबामा प्रशासन पाकिस्तानी प्रशासन को अपने विचारों से अवगत कराता रहा है लेकिन निजाम-ए-अदल पर जरदारी और सेना के मुहर को अमेरिकी विदेश विभाग और व्हाइट हाउस इसे स्पष्ट रूप से अवज्ञा की दिशा में उठाया गये कदम के रूप में देख रहा है.
इस मुद्दे की संवेदनशीलता और क्षेत्र में अमेरिकी दांव को देखते हुए ओबामा प्रशासन के अधिकारी आमेरिकी नाखुशी के अलावा इस संबंध में कोई भी सार्वजनिक टिप्पणी करने से बचते रहे. शांति समझौते पर अपनी नाखुशी से इस्लामाबाद में शीर्ष अधिकारियों को अवगत करा दिया गया है.