अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन ने पाकिस्तान के नेतृत्व से कहा कि वाशिंगटन चाहता है कि नई दिल्ली और इस्लामाबाद के बीच वार्ता जारी रहे ताकि दोनों पक्ष अपनी प्रमुख समस्याओं का हल निकाल सकें. कूटनीतिक सूत्रों ने यह जानकारी दी.
उन्होंने बताया कि अमेरिका, पाकिस्तान रणनीतिक वार्ता के लिए इस्लामाबाद पहुंची हिलेरी ने यह टिप्पणी पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरेशी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात के बाद की. इस बीच पाकिस्तान ने अमेरिका को आश्वासन दिया कि वह ‘भारत के साथ अच्छे पड़ोसी संबंध’ बनाने के लिए काम करेगा.
पाकिस्तान ने यह भी कहा कि दोनों पडोसी देशों को अपने सभी मुद्दों और विवादों का हल शांतिपूर्वक निकालना चाहिए. यह आश्वासन प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी ने रविवार को हिलेरी से मुलाकात के दौरान दिया. हिलेरी ने उम्मीद जताई कि भारत के साथ संबंध सामान्य करने के पाकिस्तान के प्रयासों का नतीजा निकट भविष्य में दिखाई देगा. प्रधानमंत्री के कार्यालय से जारी एक बयान में कहा गया है कि हिलेरी से गिलानी ने कहा कि पाकिस्तान भारत के साथ अच्छे पड़ोसी संबंध चाहता है.
उन्होंने यह भी कहा कि दोनों पक्ष अपने सभी मुद्दों और विवादों का हल शांतिपूर्वक निकलना चाहेंगे. बयान में यह भी कहा गया है कि हिलेरी-गिलानी की मुलाकात में भारत के साथ संबंध सामान्य करने के प्रयासों में प्रधानमंत्री की निजी भूमिका की चर्चा हुई. कुरैशी के नेतृत्व में पाकिस्तानी प्रतिनिधि मंडल ने हिलेरी को भारत और पाकिस्तान के विदेश मंत्रियों की 15 जुलाई को हुई मुलाकात के बारे में बताया. {mospagebreak}
वार्ता के जानकार एक कूटनीतिक सूत्र ने बताया ‘विदेश मंत्री ने स्पष्ट किया कि अमेरिका चाहता है कि भारत और पाकिस्तान के बीच प्रक्रिया जारी रहनी चाहिए.’ पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल ने हिलेरी को बताया कि क्यों दोनों विदेश मंत्री वार्ता में किसी प्रगति की ओर नहीं बढ़ पाए. उन्होंने दलील दी कि विदेश मंत्री एस एम कृष्ण के नेतृत्व में भारतीय दल ने केवल आतंकवाद के मुद्दे पर ही ध्यान केंद्रित किया और कश्मीर मुद्दे, सियाचिन तथा क्षेत्रीय रणनीतिक संयंम बरतने की जरूरत के मुद्दे पर पाकिस्तान की चिंता की ओर कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई.
कूटनीतिक सूत्रों के अनुसार, हिलेरी ने इन मुद्दों पर कहा कि अमेरिका चाहता है कि भारत और पाकिस्तान बातचीत के जरिये अपनी समस्याएं दूर करें और विभिन्न मुद्दों का हल निकालें. विदेश मंत्री कुरैशी और उनके भारतीय समकक्ष ने बिना किसी नतीजे के वार्ता समाप्त होने के बाद अपनी अपनी नाराजगी जाहिर की है.
कुरैशी ने कहा कि कृष्णा सीमित विचारों के साथ इस्लामाबाद आए थे और पाकिस्तान की चिंता पर ध्यान देने की उनकी इच्छा नहीं थी. सूत्रों का कहना है कि पाकिस्तान कश्मीर, सियाचिन और सुरक्षा संबंधी मामलों जैसे प्रमुख मुद्दों के हल के लिए समयबद्ध रोडमैप पर जोर देता रहा जिसकी वजह से विदेश मंत्रियों की बातचीत बिना किसी प्रगति के समाप्त हो गई.