अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की मुम्बई यात्रा के दौरान अमेरिकी प्रशासन 20 करोड़ डालर (करीब 900 करोड़ रुपये) प्रतिदिन के हिसाब से खर्च करेगा.
ओबामा की यात्रा का इंतजाम करने में लगे महाराष्ट्र सरकार के एक उच्च पदस्थ अधिकारी ने अपना नाम गुप्त रखने की शर्त पर कहा, ‘अमेरिका प्रशासन 20 करोड़ डालर की भारी राशि ओबामा के ठहरने, सुरक्षा और अन्य चीजों पर खर्च करेगा.’ ओबामा के साथ गुप्तचर सेवा एजेंट, अमेरिकी सरकार के अधिकारियों और पत्रकारों सहित करीब तीन हजार लोग आ रहे हैं.
अमेरिकी राष्ट्रपति भवन व्हाइट हाउस और अमेरिकी सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारी हेलीकाप्टर, एक पोत और उच्च सुरक्षा उपकरण एक सप्ताह पहले से यहां डेरा जमाये हुए हैं. अधिकारी ने कहा, ‘हो सकता है कि ओबामा की निजी सुरक्षा में तैनात अधिकारियों के अलावा अन्य किसी को भी हथियार ले जाने की छूट न मिले. राज्य पुलिस सुरक्षा इंतजाम करने में सक्षम है और राष्ट्रपति के काफिले का नेतृत्व पुलिस वाहन ही करेगी.’ {mospagebreak}
इसके साथ ओबामा की यात्रा के दौरान नौसेना और वायुसेना को मुम्बई के समुद्रतट और वायुसीमा की निगरानी तेज करने को कहा गया है. ओबामा के मुम्बई पहुंचने से आधा घंटे पहले से ही वायुसीमा को बंद कर दिया जाएगा.
केवल ओबामा के साथ आने वाले प्रतिनिधिमंडल को ले जाने वाले विमानों को ही आने की अनुमति दी जाएगी. ओबामा और उनकी पत्नी मिशेल को ताज होटल में ठहरना है. इसके मद्देनजर ओबामा की यात्रा के दौरान ताज होटल से कोलाबा स्थित शिकरा हेलीपैड तक के क्षेत्र की घेराबंदी कर दी जाएगी. गेटवे आफ इंडिया के सामने स्थित समुद्र तट पर पांच से आठ नवम्बर तक किसी भी नाव को लंगर डालने की इजाजत नहीं होगी.
ओबामा अपनी यात्रा के पहले दिन ताज होटल में 26 नवम्बर 2008 को हुए आतंकवादी हमले में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे. संभावना है कि वह वहां पर बयान भी देंगे. अधिकारी ने कहा कि राज्य सरकार चाहती है कि राष्ट्रपति मैरीन ड्राइव पुलिस जिमखाना स्थित शहीद स्मृतिस्थल की यात्रा करें लेकिन इस प्रस्ताव को अमेरिकी महावाणिज्य दूतावास से समर्थन नहीं मिला है. {mospagebreak}
अधिकारी ने कहा कि ओबामा के कार्यक्रम के अनुसार उन्हें मध्य मुम्बई शहर में मणिभवन स्थित महात्मा गांधी संग्रहालय भी जाना है. लेकिन वहां की तंग गलियों के कारण ओबामा को वहां सुरक्षा प्रदान करना एक कड़ी चुनौती होगी.
मणिभवन के कुछ कार्यकर्ताओं ने वहां कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के लिए किये जा रहे इंतजामों को लेकर नाखुशी जाहिर की है. मणिभवन के कार्यकर्ता ने कहा, ‘मणिभवन वह स्थान है जो गांधीजी से संबंधित है. गांधीजी ने अहिंसा को बढ़ावा दिया लेकिन व्हाइट हाउस और अमेरिकी सुरक्षा एजेंसियों के लोग प्रतिदिन हथियारों और खोजी कुत्तों के साथ आ रहे हैं.’