दस साल पहले देश ने राजधानी से सटे नोएडा में 19 बच्चों और लड़कियों की निर्मम हत्या का मामला देखा. पुलिस जांच में कई महीनों तक बच्चों और महिलाओं के शरीर के अंग अमीर व्यापारी मोहिंदर सिंह पंढेर के घर के बगल बह रहे नाले से बरामद होते रहे. इस व्यापारी के घर में उसके साथ उसका नौकर सुरिंदर कोली भी रहता था.
अब इस मामले पर भारतीय मूल के अमेरिकी फिल्म डायरेक्टर राम देवीनेनी ने ''कर्मा किलिंग्स" नाम से डॉक्यूमेंट्री बनाई है जिसमें संभावना जताई गई है कि पूरे सीरियल किलिंग मामले में पंढेर निर्दोष को सकता है.
मजिस्ट्रेट के सामने पंढेर के नौकर सुरिंदर कोली ने बयान दर्ज कराया था कि उसने सभी कत्ल किए हैं और कुछ मामलों में यह स्वीकर किया था कि उसने कत्ल करने के बाद कुछ बच्चों के शरीर के हिस्सों को पकाकर खाया था. इस बयान के आधार पर उसे मौत की सजा सुनाई गई. वहीं बिजनेसमैन पंढेर फिलहाल जमानत पर रिहा है और कत्ल के कुछ मामलों में उसपर मुकदमा चल रहा है.
डॉक्यूमेंट्री कर्मा किलिंग्स की निर्देशन करने वाली राम देवीनेनी का कहना है कि उन्हें इस फिल्म के लिए प्रेरणा ट्रूमन कपोटे की किताब इन कोल्ड बल्ड से मिली. इस किताब में कपोटे ने एक किसान और उसके पूरे परिवार की कंसास में निर्मम हत्या को सिलसिलेवार ढंग से पेश किया था.
फिल्म बनाने के बाद राइटर को दिए इंटरव्यू में राम देवीनेनी ने बताया कि निठारी किलिंग को समझने के लिए उन्होंने कई बार पंढेर के घर और आसपास के इलाकों का निरीक्षण किया. इसके लिए उन्होंने पंढेर के घर से कुछ ही दूरी पर एक घर किराए पर लेकर लगभग 9 महीने उसमें रहे.
1 घंटे 22 मिनट की इस फिल्म में दिखाया गया है कि जांच कर रही एजेंसी को सीरियल किलिंग में पंढेर का हाथ होने पर शक था वहीं फिल्म में यह भी दिखाया गया है कि पंढ़ेर का बेटा करनदीप दावा कर रहा है कि इन कत्ल के दौरान पंढेर घर में मौजूद नहीं था. फिल्म के आखिरी सीन नें पंढेर को चंडीगढ़ में एक पार्क में घूमते दिखाया गया है. जमानत पाने के बाद से पंढेर चंदीगढ़ में रह रहा है.