महाराष्ट्र में शिवसेना मंत्रिमंडल में शामिल होती है या नहीं, इसे लेकर अभी भी अनिश्चितता बनी हुई है. दूसरी ओर, बीजेपी शिवसेना से दूरी कम करने की कोशिशों में जुटी हुई है. केंद्र व प्रदेश के ताजा सियासी हालात के मद्देनजर बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने शिवसेना सुप्रीमो उद्धव ठाकरे से फोन पर बात की है.
सूत्रों के मुताबित, अमित शाह ने केंद्र में मंत्री बनाने के लिए उद्धव ठाकरे से शिवसेना सांसद के नाम मांगे हैं. मंत्री पद के लिए सुनील प्रभु के नाम की चर्चा हो रही है, लेकिन सूत्रों के मुताबिक अनिल देसाई शिवसेना की पसंद हैं.
वैसे महाराष्ट्र की सत्ता में भागीदारी को लेकर शिवसेना रविवार को फैसला सुनाएगी. समझा जा रहा है कि शिवसेना को रिझाने के लिए ही बीजेपी ने ताजा पहल की है.
रणनीति तैयार करने के लिए शिवसेना की बैठक
उद्धव ठाकरे ने पार्टी नेताओं के साथ शिवसेना भवन में बैठक की है. बैठक में सुरेश प्रभु और अनिल देसाई भी थे मौजूद. पार्टी ने 9 नवंबर को विधायकों की बैठक बुलाई है. बैठक का आयोजन 10 नवंबर से शुरू हो रहे राज्य विधानसभा के सत्र से पहले पार्टी की रणनीति पर चर्चा करने के लिए किया गया था. बैठक का महत्व इस लिहाज से बढ़ जाता है कि बुधवार को मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडनवीस ने कहा था कि बीजेपी सरकार के विश्वास मत हासिल करने से पहले शिवसेना के प्रतिनिधियों को सरकार में शामिल नहीं किया जाएगा. 12 नवंबर को बीजेपी सरकार विधानसभा में विश्वास मत हासिल करने की कोशिश करेगी.
बुधवार को संवाददाताओं द्वारा शिवसेना को सरकार का हिस्सा बनाने को लेकर सवाल पूछे जाने पर फडनवीस ने कहा था पहले विश्वास, फिर विस्तार. मुख्यमंत्री के बयान से शिवसेना नाराज हो गई और उसके एक सांसद ने कहा कि बीजेपी उसे सम्मान के साथ सरकार में शामिल करने की इच्छुक नहीं है और सरकार में भागीदारी को लेकर जारी अनिश्चितता खत्म करने की दिशा में कोई सम्मानजनक समाधान ना निकला, तो शिवसेना विपक्ष में बैठेगी.
गौरतलब है कि 63 विधायकों के साथ शिवसेना 288 सदस्यीय विधानसभा में बीजेपी (121) के बाद दूसरी सबसे बड़ी पार्टी है.