नॉर्थ ईस्ट के असम में बीजेपी के सरकार बनाने और बाकी 4 राज्यों के वोट प्रतिशत बढ़ने के बाद पार्टी में नई ऊर्जा आ गई है. वहीं बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को नई ताकत भी मिली. नॉर्थ ईस्ट में पहली बार बीजेपी की सरकार बनना पार्टी के हित के लिए कई मायनों में महत्वपूर्ण इसलिए भी है क्योंकि पश्चिम बंगाल, केरल और तमिलनाडु के चुनावों में जिस ढंग से पार्टी का वोट प्रतिशत बढ़ा है, उसे अमित शाह 2019 के लोकसभा चुनावों के लिए फायदे की दृष्टि से महत्वपूर्ण मान रहे हैं.
अमित शाह पर सवाल उठाने वालों के मुंह बंद
दिल्ली और बिहार में मिली हार के बाद अमित शाह के नेतृत्व और रणनीति पर कई तरह के सवाल उठने लगे थे मगर अब इन पांच राज्यों के नतीजों ने बीजेपी के लिए टॉनिक का काम तो किया ही है, साथ ही अमित शाह के एक मजबूत पार्टी अध्यक्ष की छवि पर सवाल उठाने वाले लोगों के मुंह पर ताले लगाने का काम भी किया है. अमित शाह ने इन पंचन राज्यों के परिणामों से उत्साहित होकर 2019 के लोकसभा चुनावो का एजेंडा भी तय कर दिया है.
लोकसभा चुनाव में होगा फायदा
अमित शाह का मानना है की कांग्रेस मुक्त भारत की दिशा में आगे बढ़ते हुए 2019 में एनडीए फिर से सरकार बनाएगी. उन्हें विश्वास है कि जिस तरह से केरल, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल चुनावों में बीजेपी का वोट प्रतिशत बढ़ा है, 2019 तक संगठन में और विस्तार कर इस वोट प्रतिशत में ज्यादा से ज्यादा बढ़ोतरी करके इन राज्यों से ज्यादा से ज्यादा लोकसभा सीट जीती जाएं.
मोदी के मैन ऑफ द मैच बने अमित शाह
अमित शाह हमेशा से चुनाव और संगठन की दृष्टि से एक अच्छे रणनीतिकार माने जाते रहे हैं. पीएम मोदी ने भी शाह की इस खूबी की वजह से उन्हें पार्टी अध्यक्ष बनवाया था. 2014 के चुनाव में अमित शाह यूपी के प्रभारी थे और पार्टी ने यूपी में 80 लोकसभा सीट में से 71 लोकसभा सीट जीतीं थी. चुनाव नतीजों के बाद मोदी ने खुद अमित शाह को 'Man of the Match' कहा था. 2014 के चुनाव के तुरंत बाद अमित शाह ने अध्यक्ष बनने के बाद हरियाणा, महाराष्ट्र, झारखंड और जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 4 बड़ी जीत दिलाई थी.
दिल्ली और बिहार में हार के बाद बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं ने अमित शाह की लीडरशिप पर सवाल खड़े किए थे लेकिन आज उन्हीं वरिष्ठ नेताओ में से एक मुरली मनहोर जोशी ने असम की जीत के बाद अमित शाह की तारीफ करने में तनिक भी देर नहीं की.
साफ है कि असम में सरकार और 4 राज्यों के चुनाव नतीजों से पार्टी के लिए बदले माहौल को देखकर लगता है कि अमित शाह the King of the Party हैं.