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ममता Vs शाह: BJP अध्यक्ष बोले- जरूर जाऊंगा बंगाल, गिरफ्तार करना है तो करें

गौरतलब है कि ममता बनर्जी NRC के मुद्दे पर लगातार बयानबाजी कर रही हैं. इस बीच पश्चिम बंगाल बीजेपी के कई नेताओं ने असम की तरह है बंगाल में भी NRC को लागू करने की बात की थी. जिसके बाद राजनीतिक माहौल गर्म है.

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पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह (File)
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह (File)

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नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन (NRC) के मुद्दे पर मचे बवाल के बीच भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह 11 अगस्त को पश्चिम बंगाल का दौरा करेंगे. शाह वहां रैली को भी संबोधित कर सकते हैं. हालांकि, अभी रैली को इजाजत मिली है या नहीं इस पर कोई तस्वीर साफ नहीं है. लेकिन अमित शाह ने कहा है कि उन्हें इजाजत मिले या ना मिले वह बंगाल जरूर जाएंगे. अगर ममता बनर्जी को मुझे गिरफ्तार करना है तो वह कर सकती हैं.

बता दें कि 11 अगस्त को अमित शाह की होने वाली रैली को बीजेपी युवा मोर्चा के कार्यकर्ता कर रहे हैं. युवा मोर्चा का दावा है कि वह दो लाख लोगों को अमित शाह का संदेश सुनने के लिए इकट्ठा करेगा. अमित शाह पहले तीन अगस्त को आने वाले थे. लेकिन बाद में बदलाव करके 11 अगस्त को कार्यक्रम फिक्स किया गया है.

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अमित शाह की रैली के लिए बीजेपी युवा मोर्चा द्वारा दो लाख युवाओं को एकत्रित करने का लक्ष्य दिया गया है. बीजेपी अमित शाह का मिशन बंगाल के लिए इस रैली से माहौल बनाना चाहते हैं.

गृहयुद्ध वाले बयान पर हुआ बवाल

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने असम में नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन (NRC) में करीब 40 लाख लोगों के नाम न होने को लेकर बीजेपी सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने कहा है कि इससे देश में गृहयुद्ध की स्थिति पैदा हो जाएगी.

इसके अलावा ममता ने इस मुद्दे को एक वैश्विक मुद्दा बताया है. उन्होंने इसे राजनीति से प्रेरित कदम बताया. ममता ने कहा, 'हम ऐसा नहीं होने देंगे. बीजेपी लोगों को बांटने की कोशिश कर रही है. इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है. इससे देश में गृहयुद्ध की स्थिति बन जाएगी, खूनखराबा होगा.

BJP के लिए अमित शाह ने संभाला मोर्चा

मंगलवार को राज्यसभा में इस मुद्दे पर हंगामा हुआ तो वहीं भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह ने विपक्ष को निशाने पर लिया. पहले राज्यसभा और उसके बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अमित शाह ने विपक्ष से पूछा कि वह आखिर घुसपैठियों का साथ क्यों दे रहे हैं. राज्यसभा में अमित शाह ने कहा कि विपक्ष के सारे नेताओं को मैंने ध्यान से सुना, मैं पूरी बात सुन रहा था कि किसी ने ये नहीं बताया कि NRC क्यों आया.

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उन्होंने कहा कि असम में इसको लेकर बड़ा आंदोलन हुआ, कई लोगों ने अपनी जान गंवाई. जिसके बाद 14 अगस्त, 1985 को राजीव गांधी ने असम समझौता किया. शाह ने कहा कि इस समझौते का मूल ही NRC था. इसमें कहा गया है कि अवैध घुसपैठियों को पहचान कर NRC बनाया जाएगा, ये आपके ही प्रधानमंत्री लाए थे, लेकिन आपमें इसे लागू करने की हिम्मत नहीं थी, हमारे में हिम्मत है और हम कर रहे हैं.

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