विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह आज से दो दिवसीय कर्नाटक दौरे पर हैं. अमित शाह ने सोमवार को शिवमोगा में एक जनसभा को संबोधित किया. अमित शाह ने शिवमोगा की जनसभा में कहा कि उन्होंने यहां आने से पहले एक किसान के घर में भोजन किया और भोजन के बाद पान-सुपारी भी खाई.
अमित शाह ने कहा कि वह अपनी हेल्थ के प्रति काफी सजग हैं और अगर सुपारी से सेहत को नुकसान होता तो वह कभी सुपारी नहीं खाते. अमित शाह ने सुपारी किसानों के बीच में कहा कि दुनिया की आधी सुपारी भारत में और भारत की आधी सुपारी कर्नाटक में होती है, लेकिन कांग्रेस ने कभी इन किसानों पर ध्यान नहीं दिया.
उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार ने सुपारी किसानों के हितों में कभी नीतियां नहीं बनाईं, जबकि पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए सरकार ने सुपारी का न्यूनतम समर्थन मूल्य तय किया और इसके आयात पर शत प्रतिशत आयात शुल्क लगाया. बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस सरकार में नरसिम्हा राव ने सुपारी और गुटखे के बीच का फर्क खत्म कर दिया. इससे सुपारी किसानों को काफी नुकसान हुआ.
अमित शाह ने कहा कि सिद्धारमैया सरकार के समय में पिछले पांच साल में विकास रुक गया. शाह ने कहा कि उन्होंने आज तक सिद्धारमैया जैसा कलाकार नहीं देखा, जिन्होंने राज्य में कुछ विकास नहीं किया और घूमते ऐसे हैं मानो यह देश का सबसे विकसित राज्य है. उन्होंने कहा कि आज कर्नाटक में गांवों में बिजली नहीं है, शहरों में महिलाओं को सुरक्षा प्राप्त नहीं है, युवाओं के पास रोजगार नहीं है और चारों ओर भ्रष्टाचार है.
बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि सीएम सिद्धारमैया 40 लाख रुपये की घड़ी पहनते हैं, जो बताता है कि उनके राज में कितना भ्रष्टाचार हुआ है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने गरीब वर्ग के लोगों के हित के लिए 112 योजनाएं बनाई हैं, लेकिन सिद्धारमैया सरकार इन योजनाओं को नीचे नहीं पहुंचने देती है.
उन्होंने येदियुरप्पा को राज्य का भावी सीएम बताया और कहा कि वह किसानों के लिए हमेशा आवाज उठाते रहे हैं. शाह ने कहा कि येदियुरप्पा ने 1982 में किसानों के लिए 65 किमी लंबी पदयात्रा की थी.
अमित शाह इससे पहले राष्ट्रकवि कुवेम्पु के घर और स्मारक पर गए. उन्होंने कहा कि उन्हें पहली बार इस जगह पर जाने का मौका मिला और उनके साहित्य के बारे में जाना. उन्होंने कहा कि अगर कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया ने कुवेम्पु का साहित्य पढ़ा होता तो वह राज्य को कभी ऐसे रास्ते पर नहीं ले जाते, जिस रास्ते पर वे अभी ले गए हैं.
Kuvempu had praised Karnataka as 'Sarva Janangada Shantiya Thota' or the garden where all communities live in harmony. For his petty political gains, Siddaramaiah has tried creating disharmony by putting one community over the other. This is reprehensible & he will pay for this. pic.twitter.com/Sb7n48BycY
— Amit Shah (@AmitShah) March 26, 2018
इससे पहले अमित शाह तुमकुर के सिद्धगंगा मठ गए, जहां उन्होंने मठ के स्वामी से मुलाकात की. उनसे मुलाकात के बाद अमित शाह ने कहा कि बीजेपी बीएस येदियुरप्पा के नेतृत्व में चुनाव लड़ रही है. ऐसे में स्वामी जी का आशीर्वाद हमारी ताकत बढ़ाने वाला और हमें ऊर्जा देने वाला है. बता दें कि सिद्धगंगा मठ लिंगायत समुदाय से जुड़ा है.
Today I had the good fortune to seek blessings from the 'Walking God' Sri Sri Sri Shivakumara Swamiji of Siddhaganga Mutt, Tumakuru. His tireless work even at his advanced age is inspiring. His life is a living lesson and guiding light for all of us. pic.twitter.com/QVDYOSgpAE
— Amit Shah (@AmitShah) March 26, 2018
मठों का दौरा करने के अलावा शाह ने किसानों और व्यवसायियों की सभा को भी संबोधित किया. मंगलवार को अमित शाह मदारा चेन्नैया मठ जाएंगे जो परंपरागत रूप से दलितों से जुड़ा हुआ है. शाह बेक्किनकल, सिरगेरे और मुरुगा सहित कई मठों का दौरा करेंगे.
कांग्रेस और बीजेपी के बीच लिंगायत समुदाय को रिझाने की होड़ सी लगी है. बता दें कि राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि कांग्रेस सरकार का लिंगायत समुदाय को अलग धर्म मानने का फैसला करना बीजेपी के इस वोट बैंक में सेंध लगाना है. बीजेपी ने लिंगायत समुदाय से आने वाले बीएस येदियुरप्पा को अपना मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित कर रखा है.