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राज्यसभा में अमित शाह का डेब्यू भाषण नहीं हो सका

राज्यसभा में आज तीन तलाक बिल पर बहस शाम पांच बजे से 9 बजे तक होनी थी. लेकिन विपक्ष इस मुद्दे पर पहले बहस चाहता है. तीन तलाक पर बहस नहीं हो सकी. विपक्ष के हंगामे के चलते कार्यवाही कल 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई. इस तरह बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह का संसद में प्रस्तावित पहला भाषण नहीं हो सका.

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अमित शाह (फाइल) फोटो क्रेडिट: http://amitshah.co.in/
अमित शाह (फाइल) फोटो क्रेडिट: http://amitshah.co.in/

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विपक्ष के हंगामे के चलते राज्यसभा में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह राज्यसभा में जीएसटी पर होने वाली अपनी डेब्यू स्पीच नहीं रख पाए. आज जीएसटी पर अमित शाह को राज्यसभा में बोला था, लेकिन विपक्ष ने तीन तलाक के मुद्दे पर हंगामा शुरू कर दिया. काफी देर तक हंगामे के कारण राज्यसभा की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित कर दी गई.

राज्यसभा में आज तीन तलाक बिल पर बहस शाम पांच बजे से 9 बजे तक होनी थी. लेकिन विपक्ष इस मुद्दे पर पहले बहस चाहता है. तीन तलाक पर बहस नहीं हो सकी. विपक्ष के हंगामे के चलते कार्यवाही कल 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई. इस तरह बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह का संसद में प्रस्तावित पहला भाषण नहीं हो सका.

अमित शाह की जीएसटी पर डेब्यू स्पीच न हो पाने पर केंद्रीय मंत्री जावड़ेकर का कहना है कि जीएसटी पर भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह पहली बार बोलने वाले थे, लेकिन हंगामे के चलते नहीं बोल पाए. जावड़ेकर ने कहा अमित शाह 6 साल के लिए अभी राज्यसभा में हैं, बहुत मौके होंगे जब वह बोलेंगे और कांग्रेस पर प्रहार करेंगे. केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर का कहना है कि राज्यसभा में तीन तलाक बिल को लेकर एक बार फिर हंगामा हो गया. हंगामे के बाद आज तक से बातचीत करते हुए केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि कांग्रेस हताश है, निराश है, चुनाव हार रही है और अब सदन में भी हार रही है, जिसकी वजह से वह शोर शराबा कर रही है और बिल पास नहीं होने दे रही. केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि कांग्रेस तमाम मुस्लिम महिलाओं को हक नहीं देना चाहती, महिला सशक्तिकरण की वह विरोधी है इसीलिए वह ऐसा कर रही है.लोकसभा से पास होने के बाद ट्रिपल तलाक बिल को राज्यसभा में पास हो जाना चाहिए था. इससे मुस्लिम महिलाओं को उनका हक मिलता.

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गौरतलब है कि जीएसटी पर एक संशोधन बिल आज राज्यसभा में पेश किया जाना था. इस पर अमित शाह को अपनी बात रखनी थी. माना जा रहा था कि अब तक जीएसटी पर हंगामा करते रहे विपक्ष को अमित शाह जवाब दे सकते हैं. लेकिन विपक्ष का रुख इस स्पीच की राह में रोड़ा बन गया. विपक्ष की मांग थी कि नियमों के मुताबिक पहले तीन तलाक बिल पर चर्चा की जानी चाहिए.

साफ है कि गुजरात और हिमाचल प्रदेश चुनावों में कांग्रेस की तरफ से जीएसटी को बड़ा मुद्दा बनाया गया था. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी अपने हर भाषण में जीएसटी को गब्बर सिंह टैक्स का नाम दिया था. हालांकि, दोनों राज्यों में बीजेपी को जीत हुई. पीएम मोदी ने भी इस जीत जीएसटी से जोड़ा था. बता दें कि शुक्रवार को संसद का शीतकालीन सत्र समाप्त हो रहा है.

सेलेक्ट कमेटी की मांग पर अड़ा विपक्ष

राज्यसभा में सरकार के पास संख्या है नहीं और विपक्ष अपने इस रुख पर कायम है कि जो बिल सरकार पास कराना चाहती है उसमें तमाम खामियां हैं और उसको सलेक्ट कमेटी के पास भेजी जाने की सख्त जरूरत है. सरकार के पास इस बिल को पास कराने के लिए सिर्फ 2 दिनों का समय है. शीतकालीन सत्र 5 जनवरी को खत्म हो रहा है. उससे पहले सरकार को जरूरी जीएसटी संशोधन बिल भी पास कराना है, जो लोकसभा में पास हो चुका है.

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लोकसभा में हो चुका है पास

आपको बता दें कि बिल का दोनों सदनों में पास होना जरूरी है, उसके बाद इसे राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा. लोकसभा में यह बिल 28 दिसंबर को पेश किया गया था जो 7 घंटे तक चली बहस के बाद पास हो गया था. बहस के बाद कई संशोधन भी पेश किए गए, लेकिन सदन में सब निरस्त कर दिए गए. इनमें AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी के भी 3 संधोधन थे.

कुछ इस तरह ही शाह की राज्यसभा में एंट्री

आपको बता दें कि बीते 8 अगस्त को गुजरात राज्यसभा चुनाव के लिए वोट डाले गए थे. गुजरात से बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और कांग्रेस नेता अहमद पटेल राज्यसभा आए हैं. बीजेपी की ओर से अहमद पटेल को हराने के लिए काफी कोशिशे की गई थीं, लेकिन ऐसा नहीं हो सका.

रद्द हुए थे दो विधायकों के वोट

वोटिंग के बाद कांग्रेस ने रिटर्निंग ऑफिसर से अपनी पार्टी के दो बागी विधायकों के खिलाफ शिकायत दर्ज की थी. जिसके बाद चुनाव आयोग ने दो विधायकों के वोट रद्द कर दिए थे. चुनाव में कुल 176 वोट किए गए थे, जिनमें से 2 वोट रद्द होने के बाद 174 की काउंटिंग की गई थी. अहमद पटेल ने 44 वोट हासिल कर जीत दर्ज की. उन्होंने बीजेपी उम्मीदवार बलवंत राजपूत को शिकस्त दी थी. बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को 46 वोट मिले थे तो वहीं स्मृति ईरानी को भी 46 वोट मिले थे. जबकि बलवंत सिंह राजपूत को महज 38 वोट मिले थे.

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