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अमित शाह की बुजुर्गों को सलाह, 60 पार के लोग राजनीति छोड़ समाज सेवा करें

बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने इशारों-इशारों में बुजुर्गों को राजनीति छोड़ने की नसीहत दे डाली. शाह ने कहा कि 60 साल की उम्र पार कर चुके लोगों को राजनीति छोड़कर समाज सेवा करनी चाहिए.

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अमित शाह
अमित शाह

बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने इशारों-इशारों में बुजुर्गों को राजनीति छोड़ने की नसीहत दे डाली. शाह ने कहा कि 60 साल की उम्र पार कर चुके लोगों को राजनीति छोड़कर समाज सेवा करनी चाहिए. इस पर विवाद हुआ तो बाद में पार्टी मुख्यालय की ओर से बयान जारी कर सफाई दी गई. कहा गया कि शाह के बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया जा रहा है.

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कहां क्या कहा शाह ने
दरअसल, शाह चित्रकूट के सद्गुरू सेवा संघ ट्रस्ट परिसर में आंखों के अस्पताल का लोकार्पण करने आए थे. यहां उन्होंने कहा कि नानाजी देशमुख ने राजनीति में एक मिसाल कायम की थी कि जो लोग 60 पार हो गए हैं उन्हें हर हाल में राजनीति छोड़ देनी चाहिए और समाज सेवा के काम में लगना चाहिए. हर एक व्यक्ति को इसका अनुकरण करना चाहिए.

 बाद में ट्वीट कर दी सफाई
हालांकि बाद में शाह ने भी स्पष्टीकरण दिया. उन्होंने इसे लेकर ट्वीट भी किया और कहा कि उन्होंने ऐसी कोई बात कभी नहीं कही.

इस चौकड़ी पर था निशाना!
शाह के इस बयान को बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, यशवंत सिन्हा, मुरली मनोहर जोशी और शांता कुमार पर निशाना माना जा रहा है. बिहार में बीजेपी की हार के बाद इसी चौकड़ी ने पार्टी नेतृत्व पर हमला बोला था. इन्होंने कहा था कि ये नतीजे बताते हैं कि दिल्ली से कोई सबक नहीं लिया . बिहार के नतीजों पर यह कहना कि इसके हर कोई जिम्मेदार है, किसी की भी जवाबदेही तय नहीं करना है.

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पार्टी ने दी यह सफाई
पार्टी मुख्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया कि जाने माने समाजसेवी नानाजी देशमुख के व्यक्तित्व‍, कृतित्व और सामाजिक दर्शन के बारे में अमित शाह के वक्तव्य में तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया जा रहा है. शाह ने सिर्फ नानाजी के व्यक्तित्व की चर्चा करते हुए नानाजी ने आजीवन समाज की सेवा की और जीवन के अंतिम समय वह चित्रकूट में रहकर समाज के अलग-अलग वर्गों से जुड़े रहे. शाह के इस वक्तसव्यन को गलत संदर्भ में पेश करना अनुचित है.

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