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जमीयत डेलीगेशन से बोले अमित शाह- धार्मिक आधार पर नहीं होने देंगे किसी का उत्पीड़न

जमीयत उलेमा-ए हिंद के अध्यक्ष मौलाना कारी सैयद मोहम्मद उस्मान मंसूरपुरी के नेतृत्व में मुसलमानों के एक प्रतिनिधिमंडल ने गृह मंत्री अमित शाह से उनके निवास पर मुलाकात की. मुलाकात के दौरान प्रतिनिधिमंडल ने गृह मंत्री से देश और मुसलमानों के सामने आ रही कई महत्वपूर्ण समस्याओं व ज्वलंत मुद्दों पर बातचीत की.

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अमित शाह (फाइल फोटो)
अमित शाह (फाइल फोटो)

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  • जमीयत उलेमा-ए हिंद ने की अमित शाह से मुलाकात
  • एनआरसी, यूएपीए और जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर हुई बात

जमीयत उलेमा-ए हिंद के अध्यक्ष मौलाना कारी सैयद मोहम्मद उस्मान मंसूरपुरी के नेतृत्व में मुसलमानों के एक प्रतिनिधिमंडल ने शनिवार को गृह मंत्री अमित शाह से उनके निवास पर मुलाकात की. मुलाकात के दौरान प्रतिनिधिमंडल ने गृह मंत्री से देश और मुसलमानों के सामने आ रही कई महत्वपूर्ण समस्याओं व ज्वलंत मुद्दों पर बातचीत की.

मुलाकात के दौरान जमीयत उलेमा-ए हिंद के महासचिव मौलाना महमूद मदनी ने जमीयत की प्रबंधन समिति के हालिया सम्मेलन में पारित सुझावों का हिंदी संस्करण उन्हें प्रदान किया और कहा कि जमीयत उलेमा-ए हिंद की प्रबंधन समिति ऐसे सदस्यों पर आधारित है, जो देश के हर हिस्से और हर राज्य के मुसलमानों का नेतृत्व करते हैं.

सरकार के साथ मतभेद लेकिन देश हित के लिए साथ

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मदनी ने कहा कि हालांकि सरकार के साथ कई बातों पर हमारा मतभेद है लेकिन जहां देश हित की बात होगी तो हम देश के साथ खड़े हैं. इसलिए हमारी प्रबंधन समिति ने कश्मीर के विषय पर प्रस्ताव में साफ कहा है कि कश्मीर और कश्मीरी हमारे हैं. हम उन्हें अलग नहीं कर सकते और भारतीय मुसलमान हर तरह के अलगाववाद के खिलाफ हैं और जमीयत उलेमा-ए हिंद पहले से ही एक भारत का समर्थक रहा है.

यूएपीए के समर्थन में मदनी

एनआरसी की समस्या पर मौलाना मदनी ने अमित शाह से कहा, 'असम को लेकर मुसलमानों को परेशान करने की कोशिश और पूरे देश में लागू करने से संबंधित बयान को धमकी बनाकर पेश किया जा रहा है, अगर आपके (अमित शाह) द्वारा उचित स्पष्टीकरण हो तो यह राष्ट्रीय हित में बेहतर होगा. इसी तरह हमने यूएपीए संशोधनों से सम्बंधित प्रस्ताव पारित किया है. हमने माना कि आतंकवाद को रोकने के लिए संशोधन बेहद जरूरी है, लेकिन उसके साथ पुलिस और प्रशासन द्वारा अवैध तरीके से बल प्रयोग के इस्तेमाल की रोकथाम भी आवश्यक है.'

शाह बोले- कश्मीरियों की संस्कृति को कभी प्रभावित नहीं होने देंगे

अमित शाह ने मदनी से कहा, 'हम यह समझते हैं कि धारा 370 खत्म करना कश्मीरियों के हित में है. इस अनुच्छेद से कश्मीरी जनता को लाभ के बजाय नुकसान था.' मदनी ने बताया कि इसके लिए अमित शाह ने कई उदाहरण भी दिए लेकिन उन्होंने विश्वास दिलाया कि इस वजह से कश्मीरियों की संस्कृति को कभी प्रभावित नहीं होने देंगे.

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इस पर मुफ्ती मोहम्मद सलमान मंसूरपुरी ने कहा कि कश्मीर में मीडिया और अन्य माध्यमों पर प्रतिबंध है, जिसकी वजह से लोगों को परेशानी हो रही है. इसलिए इसका त्वरित समाधान किया जाए. जवाब में गृह मंत्री ने कहा, 'कश्मीर में 196 पुलिस स्टेशन हैं. उनमें केवल 7 में 144 लागू है. कर्फ्यू नहीं है. केवल 14 पुलिस स्टेशनों पर रात में कर्फ्यू होता है. जहां तक मोबाइल बंद करने का मामला है तो उसका कारण पाकिस्तान द्वारा सोशल मीडिया पर दुष्प्रचार है.'

गृह मंत्री शाह ने कहा, 'जिस तरह की आपत्तिजनक फर्जी सामग्री फैलाई जा रही है, उससे शांति भंग होने का गंभीर खतरा है. लेकिन हमने विकल्प के रूप में लैंडलाइन फोन की व्यवस्था की है और कोई भी व्यक्ति 6 घंटे के अंदर यह सेवा प्राप्त कर सकता है. इसके अलावा हमने 1,000 पीसीओ लगाए हैं ताकि लोग संपर्क कर सकें. लेकिन जो दूर-दराज के क्षेत्र हैं वहां थोड़ी दिक्कतें हैं.'

उन्होंने कहा, 'घाटी में स्कूल खोल दिए गए हैं. हम लोगों पर जबरदस्ती नहीं करते. स्थिति सामान्य हो रही है और हम इसके लिए हर तरह से प्रयासरत हैं.'

एनआरसी पर शाह ने स्पष्ट किया अपना रुख

मंसूरपुरी के एनआरसी से सम्बंधित स्पष्टीकरण मांगे जाने पर गृह मंत्री ने कहा कि एनआरसी के सम्बंध में लोगों को डरने कोई जरूरत नहीं है. असम के सम्बंध में हमने सर्कुलर जारी किया है कि जिन लोगों के नाम शामिल नहीं हुए हैं, हम उनके लिए आधिकारिक तौर पर मुफ्त कानूनी सेवा प्रदान करेंगे और यदि कोई व्यक्ति खुद अपना वकील कर ले तो हम उसका खर्च भी वहन करेंगे.

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शाह ने कहा, 'हम आपसे कहते हैं कि आप 4-5 लोगों का प्रतिनिधिमंडल लेकर असम जाएं और इस पूरे मामले की पड़ताल करें. जहां तक पूरे देश में एनआरसीए लागू करने की बात है तो दुनिया का कोई देश बता दीजिए जहां एनआरसी न हुआ हो. हमारा उद्देश्य अल्पसंख्यकों को परेशान नहीं करना है. हम यह सुनिश्चित करेंगे कि कोई व्यक्ति धार्मिक आधार पर इसके लपेटे में न आए.'

गृह मंत्री ने कहा, 'जहां तक घुसपैठियों की समस्या है तो हम उनके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. लोगों को समझना चाहिए कि यह देश का मुद्दा है और यह कदम देश की रक्षा के लिए आवश्यक है.'

शाह ने की जमीयत की प्रशंसा

यूएपीए अधिनियम में संशोधनों पर गृह मंत्री ने कहा कि जो भी कानून बनाया गया है, उसके अंदर इस बात का ध्यान रखा गया किया गया है कि इसका दुरुपयोग न हो. इसमें कठोर शर्तें मौजूद हैं. गृह मंत्री ने सद्भावना कमेटी के गठन पर जमीयत की प्रशंसा की और कहा कि यह कोशिश जारी रखिए. आज के दौर में आपसी बातचीत की बड़ी जरूरत है.

जमीयत अहले-हदीस हिन्द के अमीर मौलाना असगर इमाम मेहदी सल्फी ने गृहमंत्री से कहा, 'हम संवाद और आपसी बातचीत में विश्वास रखते हैं. हम चाहते हैं कि देश के मुद्दों विशेषकर अल्पसंख्यकों की समस्याओं को इसी रास्ते से हल किया जाए. गृह मंत्री ने कहा कि हम सभी मुस्लिम संगठनों के साथ खुले दिल से बात करने के लिए तैयार हैं.'

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