scorecardresearch
 

अमित शाह की विधि आयोग को चिट्ठी, 'एक देश-एक चुनाव' का किया समर्थन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई बार एक देश-एक चुनाव के मुद्दे का समर्थन कर चुके हैं. अगर देश में एक देश-एक चुनाव की नीति लागू होती है तो लोकसभा चुनाव और राज्यों के विधानसभा चुनाव एक साथ होंगे. इससे बार-बार आचार संहिता लागू नहीं होगी.

Advertisement
X
BJP अध्यक्ष अमित शाह (फाइल फोटो)
BJP अध्यक्ष अमित शाह (फाइल फोटो)

Advertisement

एक देश एक चुनाव के मुद्दे पर राजनीतिक गलियारों में काफी समय से चर्चा चल रही है. विधि आयोग ने इस मुद्दे पार्टियों से चर्चा भी की है. सोमवार को इसी कड़ी में भारतीय जनता पार्टी का प्रतिनिधिमंडल विधि आयोग से मिला. बीजेपी नेता भूपेंद्र यादव की अगुवाई में बीजेपी के नेता विधि आयोग पहुंचे और उन्होंने पार्टी अध्यक्ष अमित शाह की चिट्ठी उन्हें सौंपी.

भूपेंद्र यादव ने कहा कि बीजेपी प्रतिनिधिमंडल का मानना है कि कानून के प्रावधानों में संशोधन होना चाहिए ताकि एक साथ चुनाव हो सकें. उन्होंने कहा कि देश में अगर एक साथ चुनाव होते हैं, तो सरकारी खर्चे में काफी बचत होगी. इस दौरान उन्होंने दुनिया के कई देशों का उदाहरण भी दिया.

उनका कहना है कि देश में अभी 9 लाख 30 हज़ार बूथ हैं, जिनपर करीब 1 करोड़ लोग काम करते हैं. उन्होंने कहा कि 2011 में चुनावों में करीब 16-1700 करोड़ रुपए का खर्चा हुआ तो वहीं 2014 में 4000 करोड़ का खर्च हुआ. उन्होंने कहा कि एक साथ चुनाव करवाने से पैसा बचेगा.

Advertisement

BJP अध्यक्ष अमित शाह ने विधि आयोग के न्यायमूर्ति बलवीर चौहान को खत लिखते हुए एक देश-एक चुनाव पर पार्टी के समर्थन का दावा किया. उन्होंने इस दौरान कई बातें रखीं, जिसमें सरकार की राय, आचार संहिता के कारण विकास के कामों में बाधा आना. जैसे कई मुद्दे शामिल रहे.

कांग्रेस जता चुकी है विरोध

बता दें कि हाल ही में कांग्रेस ने भी इस मुद्दे पर अपने रुख को साफ किया था. कांग्रेस ने इसका विरोध किया था. पार्टी की ओर से मल्लिकार्जुन खड़गे, पी चिदंबरम, कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी ने विधि आयोग से कहा कि एक साथ चुनाव भारतीय संघवाद की भावना के खिलाफ है.

Advertisement
Advertisement