देश के पूर्व प्रधानमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के दिग्गज नेता अटल बिहारी वाजपेयी की याद में सोमवार को राजधानी दिल्ली में प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया. भारतीय जनता पार्टी के न्यौते पर इस सभा में सभी राजनीतिक दलों के नेता पहुंचे और उन्होंने अपनी श्रद्धांजलि दी. लेकिन जब सभा को बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह संबोधित कर रहे थे, तब उनसे एक चूक हो गई.
दरअसल, अमित शाह जब अटल बिहारी वाजपेयी के बारे में बोल रहे थे तब उन्होंने कहा, ''अटल जी ने कभी पार्टियों से पहले देश को नहीं माना था, और वही विचारधारा को लेकर भारतीय जनता पार्टी का हर कार्यकर्ता आगे बढ़ेगा.'' इतना ही नहीं अमित शाह जब बोलने आए तब हॉल में पूरी तरह से अंधेरा छा गया था. आपको बता दें कि इस प्रार्थना सभा में सभी राजनीतिक दलों के नेता उपस्थित रहे थे. यहां सुनें...
सभा को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि अटल जी बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे. अटल जी एक अजातशत्रु राजनेता के साथ-साथ, एक संवेदनशील कवि, स्वभावगत पत्रकार और एक प्रखर वक्ता थे.
उन्होंने कहा कि अटल जी के जाने से देश के सामाजिक जीवन में जो रिक्तता खड़ी हुई है उसको भरना हमारे लिए संभव नहीं है. आपातकाल के खिलाफ लड़ाई लड़कर और उसपे विजय प्राप्त करने वाले प्रखर योद्धाओं में से एक अटल जी थे. भारतीय जनता पार्टी का हर कार्यकर्ता उसी विचारधारा पर चलेगा जिस विचारधारा पर अटल जी अपने पूरे जीवन चले.
आजाद ने पढ़ा मिर्जा गालिब का शेर
कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने भी इस प्रार्थना सभा अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि दी. इस दौरान उन्होंने कहा कि वाजपेयी जी ऐसे नेता थे जिनके भाषण सुनने को विपक्षी पार्टी के नेता भी तैयार रहते थे. इस दौरान उन्होंने मिर्जा गालिब का एक शेर पढ़ा. 'कितने शरीं हैं तेरे लब कि रकीब, गालियां खा के बे मज़ा न हुआ'.
गुलाम ने कहा कि आपकी जुबान इतनी मीठी है कि आप दुश्मन को गाली भी दें तो अच्छा लगे. ऐसे थे हमारे अटल जी. आजाद ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी अपनी मौत के बाद भी सभी पार्टियों को एक कर गए.