भारत ने सोमवार को रीजनल कॉम्प्रिहेंसिव इकोनॉमिक पार्टनरशिप (RCEP) समझौते में शामिल होने से इनकार कर दिया है. भारत ने निर्णय लिया कि वह 16 देशों के आरसीईपी व्यापार समझौते का हिस्सा नहीं बनेगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस फैसले का केंद्रीय गृहमंत्री और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने स्वागत किया और पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार पर हमला बोला. वहीं कांग्रेस ने कहा कि उसके दबाव में नरेंद्र मोदी सरकार को यह फैसला लेना पड़ा.
अमित शाह ने आरसीईपी में शामिल न होने के फैसले पर सिलसिलेवार ट्वीट किए. उन्होंने ट्वीट में लिखा, 'भारत के आरसीईपी में शामिल न होने का फैसला प्रधानमंत्री मोदी के मजबूत नेतृत्व और सभी परिस्थितियों में राष्ट्रीय हित सुनिश्चित करने का संकल्प दिखाता है. इससे किसानों, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग, डेयरी मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर, फार्मास्युटिकल, स्टील और कैमिकल इंडस्ट्रीज को समर्थन मिलेगा'.
India’s decision to not sign RCEP is a result of PM @narendramodi’s strong leadership & unflinching resolve to ensure national interest in all circumstances.
It shall ensure support to our farmers, MSMEs, dairy & manufacturing sector, pharmaceutical, steel & chemical industries.
— Amit Shah (@AmitShah) November 4, 2019
PM @narendramodi’s firm stand over the years of not going ahead with a deal if our interests are not taken care off, is a welcome break from the past, where a weak UPA government ceded precious ground on trade and could not protect national interest.
— Amit Shah (@AmitShah) November 4, 2019
RCEP में शामिल नहीं होगा भारत, घरेलू उद्योगों के हित में लिया फैसला
उन्होंने अगले ट्वीट में लिखा, 'पिछले कई वर्षों में पीएम मोदी का यह स्टैंड रहा है कि वह ऐसी डील के लिए हामी नहीं भरते, जिसमें राष्ट्रहित न हो. यह अतीत को छोड़कर आगे बढ़ने की तरह है, जहां कमजोर यूपीए सरकार ने व्यापार के लिए जमीन खो दिया और राष्ट्रहित की रक्षा भी नहीं की.' दूसरी ओर कांग्रेस ने कहा कि मोदी सरकार ने उसके दबाव में आकर यह फैसला वापस लिया. कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर लिखा, भाजपा सरकार जबरन आरसीईपी समझौते पर दस्तखत कर देश के किसानों, मछुआरों, लघु व मध्यम उद्योगों के हितों की बली दे रही थी. आज अमित शाह अपनी झूठी पीठ थपथपा रहे हैं तो उन्हें सनद रहे कि कांग्रेस के विरोध के चलते सरकार को यह फैसला वापस लेना पड़ा.कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला का ट्वीट
गौरतलब है कि आरसीईपी में शामिल नहीं होने के फैसले पर भारत ने कहा कि वह सभी क्षेत्रों में वैश्विक प्रतिस्पर्धा के दरवाजे खोलने से भाग नहीं रहा है, लेकिन उसने एक परिणाम के लिए एक जोरदार तर्क पेश किया, जो सभी देशों और सभी सेक्टरों के अनुकूल है. सूत्रों के अनुसार, आरसीईपी शिखर सम्मेलन में अपने भाषण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, 'इस समझौते का मौजूदा स्वरूप RCEP की बुनियादी भावना और मान्य मार्गदर्शक सिद्धांतों को पूरी तरह जाहिर नहीं करता है. यह मौजूदा परिस्थिति में भारत के दीर्घकालिक मुद्दों और चिंताओं का संतोषजनक रूप से समाधान भी पेश नहीं करता.'