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राज्यसभा में अमित शाह ने बताया, क्यों बदला गया 370 और 35A?

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को जम्मू कश्मीर में लागू अनुच्छेद 370 को कमजोर करने और 35 ए हटाने के संकल्प पर चर्चा के दौरान बताया कि इन विशेष प्रावधानों को क्यों हटाया गया?

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संसद में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (फोटोः Aajtak.in)
संसद में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (फोटोः Aajtak.in)

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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को जम्मू कश्मीर में लागू अनुच्छेद 370 को कमजोर करने और 35 ए हटाने के संकल्प पर चर्चा के दौरान बताया कि इन विशेष प्रावधानों को क्यों हटाया गया? उन्होंने कहा कि घाटी के लोगों को भी 21वीं सदी के साथ जीने का अधिकार है. अनुच्छेद 370 के कारण सरकार के कानून वहां नहीं पहुंच पाते. मोदी सरकार युवाओं को अच्छा भविष्य देना चाहती है.

अमित शाह ने विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि वर्तमान में जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति शासन है और उस अधिकार के तहत राष्ट्रपति के संविधान आदेश 2019 (जम्मू-कश्मीर के लिये) को संसद के इस सदन में प्रस्तुतिकरण किया जा रहा है. अमित शाह ने कहा कि धारा 370 तो पहले से ही अस्थाई है और अस्थाई व्यवस्था को 70 साल तक खींचा गया. उन्होंने कहा कि इस संशोधन से अनुच्छेद 370 के सिर्फ खंड एक को छोड़कर अन्य खंड लागू नहीं होंगे.

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गृह मंत्री शाह ने प्रस्ताव का विरोध करने वाले सदस्यों से पूछा कि जब ऐतिहासिक रूप से केंद्रीय धन का अधिकतम हिस्सा जम्मू-कश्मीर को दिया जाता रहा, उसके बाद भी यह बुनियादी ढांचे, शिक्षा, स्वास्थ्य सुविधाओं, रोजगार के अवसर आदि विकास के कार्यों में क्यों नहीं परिलक्षित हुआ? उन्होंने कहा कि राजनीतिक फायदे के लिये युवाओं का उपयोग किया जा रहा है.

गिनाए यह प्रमुख बिंदु-

1. 2009 में देश के सभी बच्चों को संसद ने शिक्षा का अधिकार दिया, लेकिन जम्मू कश्मीर की सरकार ने इसे लागू नहीं किया. अब शिक्षा का अधिकार कानून का लाभ अब सभी कश्मीरी बच्चों को भी मिल सकेगा.

2. देश का कोई नागरिक जो जम्मू कश्मीर का नहीं है, राज्य में निवेश नहीं कर सकता. जमीन और कोई संपत्ति किसी बाहरी व्यक्ति के नाम न हो पाने के कारण निवेश पर विपरीत प्रभाव पड़ा. अब निवेश भी हो सकेगा.

3. संसद के दोनों सदनों से कोई कानून पारित होने पर उसका लाभ जम्मू कश्मीर के लोगों को नहीं मिलता. अब संसद द्वारा पारित कानून प्रदेश में भी लागू होंगे.

4. गुलाम नबी आजाद कहते हैं कि जम्मू कश्मीर के लोगों की भी अंतरराज्यीय शादियां होने लगी हैं. सवाल यह है कि वहां की बेटी किसी दूसरे राज्य के लड़के से शादी करती है तो उसका संपत्ति पर हक छीन लिया जाता है. अब राज्य सरकार कोई मौलिक अधिकार नहीं छीन सकेगी.

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5. जम्मू कश्मीर के दलित और पिछड़े, अनुसूचित जाति-जनजाति व अन्य वर्गों को आरक्षण का कोई लाभ नहीं दिया गया, क्यों? अब सभी को इसका फायदा मिलेगा. गरीब सामान्य वर्ग को, गुर्जर मुस्लिमों को, पिछड़े-दलित सभी जम्मू-कश्मीर में इसका लाभ ले सकेंगे.

6. आतंकवाद जम्मू कश्मीर में पैदा हुआ, पला-बढ़ा और चरम सीमा पर पहुंचा. अब ढलान पर है. 370 और 35ए के कारण वहां के युवाओं को कुछ समूहों ने भ्रमित किया. पाकिस्तान ने उसका फायदा उठाया. अब तक 41400 से ज्यादा लोग मारे गए, क्यों मारे गए? किसकी नीति के कारण ये 41400 लोग मारे गए? 1988 में पाकिस्तान के राष्ट्रपति जनरल जिया ने कहा कि जब तक 370 है तब तक कश्मीर का युवा भारत से आत्मा से जुड़ नहीं सकता. सवाल है कि देश के दूसरे राज्यों का युवा गुमराह नहीं होता क्योंकि वहां अलगाव पैदा करने वाली कोई धारा नहीं है, इसलिए केवल कश्मीर में ही ये युवाओं को भड़काते थे.

7. क्या जम्मू कश्मीर को कट्टरवादियों के रहमो-करम पर छोड़ दें, जो भड़काते हैं उनके सारे बेटे-बेटियां विदेश में पढ़ते हैं. जो 370 बनाए रखना चाहते हैं उन्होंने तो खूब माल कश्मीर में कमा लिया. विदेश में संपत्ति खड़ी कर ली, कश्मीर के सामान्य युवा को वे केवल मूर्ख बनाकर रखना चाहते हैं. वहां के युवाओं को अच्छी शिक्षा चाहिए, विकास चाहिए. मेडिकल और टूरिज्म को बढ़ा सकते हैं हम वहां पर. रोजगार बढ़ाने के लिए वहां निवेश चाहिए. इसलिए 370 के कांटे को निकालना आवश्यक था.

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8. नेहरु जी ने कहा था कि 370 घिसते-घिसते घिस जाएगा, खत्म हो जाएगा, संविधान में इसे अस्थायी बनाकर रखा था. ये कहते है्ं कि सरदार पटेल ने 370 दिया, ये गलत है. सरदार ने तो पूरे देश को एक और अखंड बनाया. सरदार पटेल ने कश्मीर को डील नहीं किया, उन्होंने जूनागढ़ और हैदराबाद को डील किया. वह आज हमारे साथ है. कश्मीर को पंडित नेहरु ने डील किया तो आजतक समस्या खड़ी दिख रही है.

9. कश्मीर में 370 के कारण आतंकवाद पैदा हुआ, यह आंतक की जननी है, लोग कहते हैं कि 370 भारत को कश्मीर से जोड़ता है, यह भाव में ही सही है. वास्तविकता में नहीं. भारत का कश्मीर से जुड़ाव 370 के कारण है. 370 तो 1949 में आया जबकि भारत और कश्मीर का विलय महाराजा हरिसिंह के पत्र के कारण 1947 में ही हो गया था.

10. कश्मीर की संस्कृति 370 के कारण सुरक्षित नहीं है. महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु समेत प्रत्येक राज्य की स्थानीय संस्कृति देश में सुरक्षित है तो फिर कश्मीर के लोगों को साथ क्यों नहीं रखा जा सकता. कश्मीरी संस्कृति की सुरक्षा भी शेष राज्यों की तरह हो सकती है. इसके लिए 370 को बनाए रखने की कोई जरुरत नहीं है.

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11. राम मनोहर लोहिया जी ने कहा था कि जब तक धारा 370 है तब तक भारत और कश्मीर में एकरूपता नहीं आ सकती. संसद में लोहिया जी ने ये बात कही थी. देश के सभी प्रमुख नेताओं ने ये बात कही थी.

12. आज 370 को हटाने का उचित समय आया है. राजनीतिक इच्छाशक्ति के कारण इसे नहीं हटाया जा सका था. आज नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री हैं, इसलिए देश में यह इच्छाशक्ति पैदा हुई है और गृहमंत्रालय ने इसे समाप्त करने का निर्णय लिया है.

13. कश्मीर में आरक्षण का बिल क्यों लाए, इसके पीछे कारण है कि हम यहां पारित करेंगे तो आसानी होगी. यदि वहां की सरकार बनेगी तो अब यह अपने आप ही कश्मीर पर लागू होगा.

14. जम्मू कश्मीर की जनता से यही कहना है कि जम्मू कश्मीर भारत की मुकुट मणि है. जम्मू-कश्मीर में यदि स्थिति सामान्य रहती है तो वहां हम भी सारी स्थिति शीघ्र सामान्य कर देंगे.

15. देश में आजादी के बाद अनेक राज्यों का विभाजन हुआ है. बीजेपी ने किए, कांग्रेस ने भी किए. तेलंगाना और आंध्र के विभाजन की तस्वीर विपक्ष को याद होगी, किस तरह से तब बिल पारित किया था. प्रसारण बंद किया गया, संसद में रात तक प्रक्रिया चली.

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16. जम्मू कश्मीर के लोग 70 साल तक 370 के साथ जीते रहे. अब हम कह रहे हैं कि जम्मू कश्मीर के युवा पांच साल हमें दीजिए, हम दिखा देंगे कि जम्मू कश्मीर को कैसे देश का नंबर एक राज्य हम बनाएंगे.

17. जम्मू कश्मीर समस्या के समाधान का यही रास्ता है. 370 को हमें खत्म करना ही है.

18. मैं सदन से प्रार्थना करता हूं कि जम्मू कश्मीर में हमें सामान्य स्थिति लाने के लिए प्रयत्न करना चाहिए. कश्मीर की समस्या के समाधान का रास्ता यहीं से निकलेगा. वोट बैंक की राजनीति हमें छोड़नी होगी. कश्मीर की जनता को हमें वास्तविकता बतानी होगी. उन सभी दलों को धन्यवाद, AAP को, बीएसपी को, बीजेडी को, एआईएडीएमके ने समर्थन किया. जिन दलों ने समर्थन किया, सभी को धन्यवाद. देश की जनता को धन्यवाद जिसने एक स्वर से फैसले का स्वागत किया है. जनता का दृढ़ विश्वास देखकर मेरा भी विश्वास बढ़ गया है.

19. आज दो संकल्प, एक बिल और रिजर्वेशन बिल हमने संसद में रखा है. सभी से निवेदन है कि हम अच्छा संदेश कश्मीर के लोगों को भेजें. मेरा प्रस्ताव है कि दोनों प्रस्ताव पर सदन सहमति दे और दोनों बिल पारित किए जाएं.

20. जब हम किसी नगरपालिका का चुनाव भी नहीं जीतते थे, तब से हमारे घोषणापत्र में 370 को हटाने का मुद्दा शामिल रहा है. हम मानते थे कि 370 का रास्ता गलत है. आज तो हमें 2014 में, 2019 में देश की जनता ने बहुमत दिया है.

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